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विवेक हत्याकांड: 'बागी' 13 पुलिसकर्मियों पर योगी का एक्शन, प्रशांत की पत्नी ने जारी किया वीडियो

विवेक तिवारी मर्डर केस में आरोपी सिपाहियों के समर्थन में यूपी पुलिस के बगवती तेवर पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए सूबे की योगी सरकार ने 13 पुलिसकर्मियों को विरुद्ध कार्रवाई की है. वहीं आरोपी प्रशांत चौधरी की पत्नी ने एक वीडियो जारी कर पुलिसकर्मियों को संयम बरतने की अपील की है.

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काली पट्टी बांधे खड़े पुलिसकर्मी. (फाइल फोटो)
काली पट्टी बांधे खड़े पुलिसकर्मी. (फाइल फोटो)

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लखनऊ में विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद हुई प्रशासनिक कार्रवाई के विरोध में कॉन्स्टेबलों की लगातार के बगावत की खबरों के बीच योगी सरकार ने 2 और पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है जबकि 11 पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर कर दिया गया है. वहीं इस बीच आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी की पत्नी ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें वह सभी सिपाहियों से संयम बरतने और अनुशासन में रहकर विभाग का कार्य करने की अपील कर रही हैं.

प्रशांत चौधरी की पत्नी ने जारी किया वीडियो

माना जा रहा है कि पुलिस और जनता के बीच सामंजस्य कायम करने के लिहाज से प्रशांत चौधरी की पत्नी ने यह वीडियो जारी किया है जिसमें उन्होंने सिपाहियों को अनुशासन में रहते हुए विभागीय कार्य करने और उनके पति के खिलाफ जांच में सहयोग करने की अपील की है.

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इससे पहले मेरठ में रविवार को पुलिस महकमें में एक पत्र को लेकर हडकंप मच गया जिसमें आगामी 10 अक्टूबर को विरोध स्वरूप पुलिसकर्मियों को विभागीय कार्य ना करने की सलाह दी गई है. मामले की गंभीरता को देखते हुए समूचा पुलिस महकमा इस पत्र को गलत साबित करने में लगा रहा.

योगी सरकार ने 13 पुलिस कर्मियों पर की कार्रवाई

वहीं विवेक तिवारी मर्डर केस में आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी के विरोध में 5 अक्टूबर को काला दिवस मनाए जाने और विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधने के संबंध में योगी सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए दो और कांस्टेबलों को सस्पेंड कर दिया जबकि 11 पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर कर दिया.

यूपी पुलिस के मुखिया डीजीपी कार्यालय की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि कांस्टेबल केशव दत्त पाण्डेय और मो. शादाब सिद्दिकी को काली पट्टी बांधने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है जबकि एक सब-इंस्पेक्टर समेत 11 पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर कर दिया गया है.

इससे पहले शुक्रवार को प्रशांत चौधरी के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध करने के आरोप में तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था, जबकि तीन थाना अध्यक्षों के तबादले कर दिए गए थें. वहीं विरोध करने वाले दो पूर्व पुलिसकर्मियों को विरोध भड़काने के आरोप में वाराणसी और मिर्जापुर से गिरफ्तार भी किया गया था.

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पुलिस विभाग में पूरे मामले को लेकर बढ़ रहे रोष को लेकर यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि विवेक तिवारी केस निंदनीय है लेकिन इस घटना में लिप्त दो पुलिसकर्मियों के कृत्य के लिए पूरे पुलिस महकमे को दोषी नहीं ठहराया जा सकता. घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है. उन्होंने पुलिस महकमें पर भरोसा जताया कि वे एक टीम की तरह एकजुट होकर काम करेंगे.

उल्लेखनीय है कि 29 सितंबर की रात ऐपल कंपनी में अधिकारी विवेक तिवारी अपनी सहकर्मी सना के साथ अपनी एक्सयूवी से जा रहे थे. रास्ते में सिपाही प्रशांत चौधरी ने उनकी कार पर गोली चला दी जो सीधे विवेक के चेहरे पर लगी, जिससे उनकी मौत हो गई. इस घटना के बाद भारी बवाल मचने पर हत्यारोपी सिपाही प्रशांत चौधरी और संदीप पर मुकदमा दर्ज किया गया. दोनों को जेल भेज दिया गया है.

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