मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद एसटी हसन ने जायरा वसीम के फिल्म जगत से धार्मिक कारणों से अलग होने का समर्थन किया है. एसटी हसन ने कहा कि फिल्मों में काम न करने का फैसला उनका अपना है.
जायरा के समर्थन में उतरे सपा सांसद एसटी हसन ने फिल्म अभिनेत्रियों पर विवादित टिप्पणी भी की है. उन्होंने कहा कि फिल्मों में काम न करने का फैसला उनका अपना है, क्योंकि जो लोग नाचते-गाने के पेशे में हैं, पहले उन्हें तवायफ ही कहा जाता था.
एसटी हसन यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि पर्दे पर बेहयाई उन्हें अच्छा नहीं लगा होगा, इसलिए उन्होंने छोड़ने का फैसला लिया है. एसटी हसन ने कहा, मेरी व्यक्तिगत राय है कि वह तमाम काम जिसमें खासतौर पर औरतों के जिस्म की नुमाइश होती हो, वह इस्लाम के खिलाफ है.
उन्होंने कहा कि अगर कोई ऐसा काम करता है तो वह काम ना करे. उन्होंने कहा कि नाचने गाने में हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन जिस नाचने गाने में अश्लीलता हो वह जायज नहीं है.
वहीं बयान पर सफाई देते हुए एसटी हसन ने कहा, 'मेरे बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. एक लफ्ज़ तवायफ होता है,.हम लोगों के घरों में जब शादियां होती थीं, तो तवायफ आती थी और वह डांस करती थी. इसमें क्या बुराई है? और क्या तवायफ शब्द संविधान के खिलाफ है. अगर यह संविधान के खिलाफ है तो उसको हटा दीजिए.
इसके अलावा समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान ने भी एसटी हसन के तवायफ वाले बयान का समर्थन किया है. आजम खान ने कहा कि जायरा वसीम को कल तक फिल्मों में काम करना अच्छा लगता था, आज उन्हें अच्छा नहीं लग रहा है तो ठीक है. लेकिन इसे धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि फिल्म अदाकारा की बात को सीरियस नहीं लेना चाहिए.
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