
यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की प्रक्रिया संपन्न हो गई है. जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए चुनाव के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल की भी खूब धज्जियां उड़ीं. बागपत में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए वोट की गिनती शुरू होते ही भारी भीड़ उमड़ पड़ी. मतगणना स्थल से थोड़ी दूरी पर राजनीतिक दलों के समर्थकों का जमावड़ा लग गया. कोरोना प्रोटोकॉल की खूब धज्जियां उड़ीं तो वहीं सोशल डिस्टेंसिंग भी नजर नहीं आई.
राजनीतिक दलों के समर्थक मानों कोरोना महामारी को भूल गए हों. पुलिस-प्रशासन को भी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. हालांकि, जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को देखते हुए सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए थे. मतगणना स्थल के आसपास तो पुलिसकर्मी तैनात थे ही, शहर में प्रवेश करने वाले हर रास्ते पर भी सुरक्षाकर्मी तैनात थे. इसके बावजूद जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए अपनी किस्मत आजमा रहे उम्मीदवारों के समर्थक बड़ी तादाद में मतगणना स्थल के करीब जमा हो गए थे.
बागपत में जीतीं आरएलडी की ममता
बागपत के जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) की ममता किशोर को विजयश्री मिली. आरएलडी की ममता ने बीजेपी की उम्मीदवार बबली देवी को पांच वोट के अंतर से मात दे दी. ममता को 12 वोट मिले जबकि बबली देवी सिर्फ सात वोट ही पा सकीं. एक वोट रद्द हो गया. गौरतलब है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बागपत की सीट काफी चर्चित सीट थी. आरएलडी उम्मीदवार ममता किशोर नामांकन के दिन ही पार्टी छोड़कर अपने पति के साथ बीजेपी में शामिल हो गई थीं.
बीजेपी नेता डॉक्टर सत्यपाल सिंह ने दोनों को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई थी जिसके बाद यह सीट अचानक चर्चा में आ गई और आरएलडी में हड़कंप मच गया था. आरएलडी ने पलटवार करते हुए ममता को फिर से अपने पाले में कर जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए नामांकन करा दिया था. नाम वापसी के दिन किसी और ममता ने ममता का नामांकन वापस ले लिया था जिसके बाद आरएलडी ने संघर्ष कर पर्चा वैध घोषित करा लिया था और अब चुनाव नतीजे आए तो बीजेपी को मात देकर यह सीट अपने पाले में भी कर लिया.