वेंटिलेटर एक ऐसी मशीन है जो किसी मरीज़ की सांस लेने में मदद करती है. ये फेफड़ों में ऑक्सीजन डालती है और कार्बन डाईऑक्साइड निकालती है. लेकिन उन्हीं मरीजों को उत्तर प्रदेश के इटावा में लंबे वक्त तक सांस लेने के लिए तरसाया गया और आजतक के खबर दिखाने के बाद प्रशासन जागा. जिस जीवन रक्षक उपकरण के भरोसे एक-एक सांस की जंग इन मरीजों को लड़कर जीतनी थी वो वेंटिलेटर ही इटावा के सरकारी अस्पताल में होकर भी मरीजों के लिए इस्तेमाल नहीं हुए. जब बड़े-बड़े महानगरों में एक-एक वेंटिलेटर बेड के लिए लोग तरसते हैं तब इटावा के सरकारी अस्पताल में बने कोविड सेंटर में पता चलता है कि 18 वेंटिलेटर हैं लेकिन इस्तेमाल नहीं हो रहे. उस इटावा में जहां रोज दावा हुआ कि 200 से ज्यादा मरीज की जान कोरोना के कारण खतरे में पड़ रही है. ज्यादा जानकारी के लिए देखें वीडियो.
Lack of staff and technicians in several hospitals across the nation is creating a serious situation of stocked up ventilators and other medical supplies not being able to be put to use and eventually turning waste. Watch this ground report from Etawah.