यूपी पुलिस का स्लोगन है - सुरक्षा आपकी संकल्प हमारा. मगर कैसी सुरक्षा कैसा संकल्प? जब पुलिस वाले गुंडे हो जाएं, पुलिस वाले कातिल हो जाएं, अपराध रोकने के लिए उठे हुए हाथ अपराध करने लग जाएं तो कैसे होगी आम आदमी की सुरक्षा? एक हंसते खेलते खुश रहते परिवार में मातम है, इसी पुलिस की वजह से. 27 सितंबर को 36 साल के मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों से मिलने अपने दो दोस्त अरविंद और प्रदीप के साथ गोरखपुर गए थे. पुलिस वालों से कुछ कहासुनी हुई और उसके बाद पुलिस वालों ने मनीष को इतना मारा की उनकी जान चली गयी. मनीष की बहन ने पुलिस की बर्बरता की कहानी सुनाई है.