उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के एक फैसले को लेकर फिर मुगलकालीन इतिहास पर बहस छिड़ गई है. योगी सरकार ने ताजमहल के निर्माणाधीन म्यूजियम का नाम शिवाजी के नाम पर करने का फैसला किया है, जबकि 2016 में जब तब की अखिलेश सरकार ने इस पर काम शुरू करवाया था तब इस म्यूजियम का नाम मुगल म्यूजियम रखने का फैसला हुआ था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दलील है कि गुलामी की मानसिकता के प्रतीकों की कोई जगह नहीं है. ऐसे में सवाल है कि क्या नाम बदलेगा तो क्या इतिहास बदल जाएगा? दंगल में इसी मुद्दे पर बहस के दौरान कहा कि कोई मुगल बादशाह बताएं जिसकी दर्जन भर से कम बीवियां थीं. देखें जोरदार बहस.