उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से आई तबाही के बाद अब पूरा फोकस राहत-बचाव के काम पर है. सबसे बड़ी मुश्किल तपोवन की सुरंग में आ रही है, जहां अब भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है. सुरंग कीचड़ से भरी हुई है, ऐसे में अंदर जाने में काफी मुश्किलें हैं. लेकिन रेस्क्यू करने वाली टीमें युद्ध स्तर पर मिशन में जुटी हैं. (Photos: Jitendra)
दरअसल, चमोली के तपोवन में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन और कामयाबी के बीच अभी भी करीब 60 मीटर का फासला है. सुरंग के अंदर 30 से ज्यादा मजदूरों के फंसे होने का अंदेशा है. रेस्क्यू टीमों में 600 से ज्यादा लोग लगातार मलबा निकालने में जुटे हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन की टीम सुरंग के अंदर पाइप और तारों के ढीले छोर को काटकर आगे बढ़ रही है.
टीम द्वारा सुरंग के अंदर मार्किंग भी की जा रही है. आइटीबीपी के जवान, एनडीआरएफ की टीमें, सेना की टीम, नौसेना के कमांडो, वायु सेना के हेलीकॉप्टर मौके पर हैं. अंदर फंसे लोगों को निकालने के लिए मलबा भी हटाया जा रहा. पुल के बह जाने के कारण 12-13 गांवों से संपर्क टूट गया है.
आईटीबीपी के डिप्टी कमांडेंट एके डबराल ने कहा है कि तपोवन सुरंग के अंदर बोल्डर काफी मुश्किल पैदा कर रहे हैं. इसके साथ ही टनल में जलस्तर बढ़ रहा है, जिसकी वजह से भी काफी दिक्कतें आ रही हैं. लापता लोगों की तलाश के लिए ड्रोन और लेजर इमेजिंग का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है.
आपदा के कारण कट गए गांवों में हेलिकॉप्टरों द्वारा आवश्यक आपूर्ति की जा रही है. इसके अलावा, इन गांवों में फंसे लोगों को भी हेलिकॉप्टर द्वारा निकाला जा रहा है. अतिरिक्त सूचना अधिकारी रविंद्र नेगी ने कहा कि हेलिकॉप्टरों द्वारा मंगलवार को लगभग 150 लोगों को इन गांवों से निकाला गया.
बता दें कि आपदा में 206 लोग लापता थे, जिनमें से 2 लोग जिन्दा हैं. इनमें से एक राशिद सहारनपुर का रहने वाला है और दूसरा सूरज सिंह चमोली का रहने वाला है. ये दोनों अपने घर पर सुरक्षित है, जो अभी तक लापता लोगों की सूची में थे. आपदा मे 204 लोग लापता हुए थे, जिसमें से 32 लोगों के शव बरामद हुए है और 10 क्षत विक्षत मानव अंग बरामद हुए हैं. अभी 172 लोग अभी मिसिंग हैं.