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उत्तराखंड

अपराध की दुनिया छोड़ अब बनेगा कानून का रक्षक, युवक जेल में ही कर रहा पढ़ाई

अपराध की दुनिया छोड़ अब बनेगा कानून का रक्षक
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उत्तराखंड के देहरादून से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां कुछ महीने पहले नशे के आदी और उसकी वजह से अपने ही घर में चोरी करने वाला एक 19 साल का युवक अब पुलिस के संरक्षण में जेल से ही वकालत की पढ़ाई कर रहा है.

(रिपोर्ट: दिलीप सिंह राठौड़)

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दरअसल, यह मामला देहरादून का है, अर्चित नाम का एक युवक अपनी मौसी के घर रहता था और कुछ समय से वह स्मैक के नशे का आदी हो गया था. नशे के लिए पैसे नहीं मिले तो जिस मौसी ने उसे शरण दी थी उन्हीं के घर चोरी कर डाली. पुलिस ने इस केस की जांच की तो अदालत से उसे एक साल कैद की सजा सुनाई थी.

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इसी बीच कोरोना महामारी के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य के करीब 700 कैदियों को पैरोल पर छोड़ दिया था. इन 700 अपराधियों में से एक अर्चित भी था. वह पैरोल पर तो छूट गया लेकिन उसके परिजनों ने उसे घर में घुसने नहीं दिया क्योंकि वह चोरी करने की वजह से जेल पहुंचा था. अर्चित वकालत करना चाहता है. 

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परेशान होकर उस युवक ने देहरादून के रायपुर थाने पहुंचकर मदद की गुहार लगाई. उसकी कहानी सुनकर पुलिसकर्मियों ने थाना परिसर में ही उसके रहने का इंतजाम कर दिया. तबसे वह थाने में पुलिस की मदद के लिए छोटे-मोटे काम कर देता है. उसके अच्छे बर्ताव के चलते पुलिसकर्मी भी उसकी हर मदद करने को तत्पर हैं और चाहते हैं कि वह ढंग से पढ़कर बड़ा वकील बने.

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अच्छे बर्ताव की वजह से उसकी बाकी 6 महीने की सजा माफ कर दी गई है. रायपुर के एसएचओ अमरजीत रावत का कहना है कि युवक शुरू से यहां अच्छे काम कर रहा था जिसकी वजह से उसकी सजा माफ हुई है. वह कहते हैं कि युवक की पढ़ाई से लेकर उसे कामयाब बनाने में पुलिस पूरी मदद करेगी. उनका यह भी कहना है कि इसी सत्र में अर्चित का एडमिशम कराया जाएगा.

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