उत्तराखंड में फर्जी डॉक्टर्स की धरपकड़ के बीच 3 सरकारी कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया गया है. पुलिस अब इन आरोपियों से पूछताछ में जुटी हुई है. पुलिस के मुताबिक और भी कई सरकारी कर्मचारी रडार पर हैं और उन्हें भी पकड़ा जा सकता है.
फर्जी बीएमएस डिग्री मामले में भारतीय चिकित्सा परिषद के 3 सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है. तीनों आरोपी चिकित्सा परिषद में क्लर्क के पद पर तैनात हैं. आरोपी फर्जी वेरिफिकेशन कराने के लिए 60 हजार से 1 लाख रुपये तक लेते थे और कई सालों से इमलाख के टच में थे.
बता दें कि देहरादून में डॉक्टर्स को फर्जी डिग्रियां मुहैया करवाने की पूरी साजिश इमलाख ने ही रची थी. मामले में मुख्य आरोपी इमलाख की गिरफ्तारी के बाद ये पूरा खुलासा हुआ , वहीं माना जा रहा है कि भारतीय चिकित्सा परिषद के कई और लोग भी इस पूरे प्रकरण में शामिल हो सकते हैं. इस मामले की जांच जारी है.
बता दें कि देश के कई राज्यों में फर्जी बीएएमएस डिग्रियों का जाल फैला हुआ है. देहरादून में अभी तक सात ऐसे फर्जी डॉक्टरों की गिरफ्तारी पुलिस कर चुकी है जिनकी डिग्री फर्जी है. इस मामले को लेकर एसएसपी देहरादून ने बताया की पकड़े गए सभी आरोपियों से पुलिस सख्ती से पूछताछ कर रही है.
पुलिस पूछताछ में पता चला है कि जिस यूनिवर्सिटी की डिग्रियां होती थी, उनकी फर्जी वेरिफिकेशन आरोपी इमलाख उसी राज्य से पोस्ट कर खुद चिकित्सा परिषद को भेजता था जिससे की किसी को कोई शक न हो और उसी फर्जी एनओसी के आधार पर चिकित्सा परिषद में ऐसे डॉक्टरों का वेरिफिकेशन कर दिया जाता था.