उत्तराखण्ड में बादल फटने और भयानक बाढ़ के कारण एक परियोजना स्थल पर मौजूद 19 श्रमिकों सहित 40 लोग लापता बताए गए हैं. सरकार ने रविवार को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), पुलिस और सेना से मदद मांगी है.
अधिकारियों ने कहा कि आपदा में 12 लोगों की पहले ही मौत हो चुकी है. सरकार ने सेना, आईटीबीपी और राज्य पुलिस से उन 19 श्रमिकों की तलाश करने के लिए कहा है, जो उत्तरकाशी के अस्सी गंगा में स्थित एक जल विद्युत परियोजना स्थल से शनिवार देर शाम से लापता हैं.
सरकार ने राज्य में बाढ़, बादल फटने और मूसलाधार बारिश के कारण तीन बच्चों सहित 12 व्यक्तियों के मारे जाने की पुष्टि की है.
अधिकारियों ने कहा कि गढ़वाल, उत्तरकाशी और चमोली सहित राज्य भर में 40 लोग लापता हैं.
अधिकारियों ने कहा कि राज्य के कई हिस्सों में बारिश के लगातार जारी रहने से बचाव कार्य में बाधा आ रही है.
अधिकारियों ने कहा कि भूस्खलन और सड़कों के बाढ़ में बह जाने के कारण वार्षिक चार धाम यात्रा रुक गई है. बाढ़ के कारण एक पुल के टूट जाने के बाद गंगोत्री में कई मकान पानी में बह गए.
अधिकारियों ने आगे कहा कि भागीरथी, अलकनंदा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है.
बारिश के कारण सभी प्रमुख जल विद्युत परियोजनाओं को भी बंद कर दिया गया है. उत्तरकाशी जिले में निर्मित राज्य संचालित तीन छोटी जल विद्युत परियोजनाओं को भी नुकसान पहुंचा है.