हरिद्वार प्रशासन ने ध्वनि प्रदूषण के मानकों का पालन नहीं करने वाली 7 मस्जिदों पर 35 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. पथरी थाना क्षेत्र के कई गांवों में मस्जिदों पर अजान के लिए लगे लाउडस्पीकरों को तय मानक से ज्यादा आवाज में बजाने पर चेतावनी दी गई थी. मगर, इसके बाद भी लाउडस्पीकर की आवाज कम नहीं की गई.
जुर्माना भरने को मिला एक हफ्ते का समय
इस पर पथरी थाना पुलिस की रिपोर्ट पर एसडीएम पूरन सिंह राणा ने 35 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. ऐसी 7 मस्जिदें हैं, जिन पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. यह जुर्माना उनको पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अकाउंट में एक सप्ताह में जमा करना होगा.
साथ ही उनको ऐसा दोबारा नहीं करने के लिए भी नोटिस दिए गए हैं. अगर, इस पर भी वे नहीं माने, तो लाउडस्पीकर बजाने की परमिशन कैंसिल कर दी जाएगी और मामला दर्ज किया जाएगा.
तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने की मिली थी कंप्लेंट
मामले में हरिद्वार के एसडीएम पूरण सिंह राणा ने बताया, "गवर्नमेंट की तय पॉलिसी में क्लियर डायरेक्शन है कि बिना परमिशन के किसी भी धार्मिक संस्थान या वेडिंग वाली जगह पर अनाउंसमेंट आदि सिस्टम यूज नहीं किया जाएगा. जिन धार्मिक संस्थानों को परमिशन दी की गई थी, उनकी निगरानी की जा रही है. इसी दौरान कुछ धार्मिक संस्थानों की शिकाय आई थी कि वे ऊंची आवाज में लाउडस्पीकर बजा रहे हैं."
उन्होंने आगे बताया, "कंप्लेंट के आधार पर जांच की गई और उनको नोटिस जारी किए गए. इनमें टोटल 7 धार्मिक संस्थानों को 35 हजार रुपये की पेनल्टी लगाई गई है. उन लोगों को जुर्माना भरने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है. ऐसी चीजें रिपीट न करें, उसका भी निर्देश दिया गया है. अगर कोई ऐसा करता है, तो उसकी परमिशन कैंसिल की जाएगी."
मुस्लिम धर्मगुरु ने उठाए सवाल
वहीं, मुस्लिम धर्मगुरु मोहम्मद आरिफ का कहना है कि कोतवाली और थानों में मुस्लिम और हिंदुओं ने जमा होकर मीटिंग की थी. सबकी सहमति से लाउडस्पीकर की आवाज कम करने की सहमति बन गई थी. फिर भी जुर्माना लगा दिया गया है.
हमारा कहना है कि क्या गाड़ियों से और शादी-ब्याह में डीजे बजाने से ध्वनि प्रदूषण नहीं हो रहा है. इस तरह की सियासत बाजी करना अच्छी बात नहीं है.