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जब बिना इंजन के दौड़े 30 किलोमीटर ट्रेन के 8 डिब्बे

उत्तराखंड में एक चौकाने वाली बात सामने आई है. चंपावत जिले के टनकपुर रेलवे स्टेशन से खटीमा तक बिना इंजन के ट्रेन के आठ डिब्बे तीस किलोमीटर तक पटरी पर दौडते रहे. इसमें कोई जनहानि नहीं हुई लेकिन आधा दर्जन बकरियों और गाय के एक बछडे को डिब्बों ने रौंद डाला.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

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उत्तराखंड में एक चौकाने वाली बात सामने आई है. चंपावत जिले के टनकपुर रेलवे स्टेशन से खटीमा तक बिना इंजन के ट्रेन के आठ डिब्बे तीस किलोमीटर तक पटरी पर दौडते रहे. इसमें कोई जनहानि नहीं हुई लेकिन आधा दर्जन बकरियों और गाय के एक बछडे को डिब्बों ने रौंद डाला.

उत्तर प्रदेश में बरेली स्थित पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि टनकपुर से उत्तर प्रदेश के मझौला के बीच पचास किलोमीटर की पटरियों पर कार्य चल रहा है. उन्होंने कहा कि छोटी लाइन को बडा करने के लिये चल रहे निर्माण कार्य के कारण आजकल टनकपुर, चकरपुर, बनबसा और खटीमा रेलवे स्टेशन बंद हैं. उनका कहना है कि निर्माण कंपनी की चूक के कारण यह हादसा हुआ.

पटरी निर्माण के कारण टनकपुर से खटीमा तक पडने वाले एक दर्जन से अधिक रेलवे फाटक खुले हुए थे लेकिन दिन का समय होने के कारण कोई बडी अनहोनी होने से बच गयी.

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बता दें कि डिब्बों की चपेट में आकर आधा दर्जन बकरियों और गाय के एक बछडे की मौत हो गयी. डिब्बों के आगे चल रहा एक चालक रहित ट्रेक्टर भी घटना में चकनाचूर हो गया. हालांकि,खटीमा पहुंचने के बाद लोहे के सामान से टकराने के बाद डिब्बे रूक गए. घटनास्थल पर रेलवे अधिकारी पहुंच गए हैं और घटना की जांच के आदेश दे दिये गए हैं.

 

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