प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड में अपनी महत्वाकांक्षी चारधाम ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट का जायजा लेंगे. बुधवार को पीएम मोदी दिल्ली में अपने ऑफिस में बैठकर हाई रिजोल्यूशन ड्रोन कैमरे की मदद से इस परियोजना का जायजा लेंगे.
पीएम मोदी ने 2017 में उत्तराखंड चुनाव से ठीक पहले देहरादून में चारधाम ऑल वदेर रोड परियोजना का शिलान्यास किया था. 11700 करोड़ रुपए की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को 2019 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. पीएम मोदी चाहते हैं कि उत्तराखंड के चारों धाम यानी बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री एक-दूसरे से जोड़ने वाली ये परियोजना 2019 में तय समय पर पूरी हो.
आसान होगी यात्रा
यह परियोजना उत्तराखंड के लिए तो महत्वपूर्ण है ही इसका राष्ट्रीय और सामरिक महत्व भी है. राज्य के तीन जिले उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ चीन सीमा से सटे हैं. इस लिहाज से उत्तरकाशी और चमोली जिलों तक ऑल वेदर रोड बनने से बड़े वाहनों की आवाजाही का रास्ता भी साफ होगा. राज्य के लिहाज से बात करें तो प्रदेश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा चार धाम मार्ग से जुड़ा है.
इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों से भी कामकाज की प्रगति और कठिनाइयों की जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने भूमि अधिग्रहण, वन भूमि हस्तांतरण, मुआवजा निर्धारण एवं वितरण जैसे कार्यों को शीघ्र अंतिम रूप देने के निर्देश दिए हैं.
चार धाम यात्रा के दौरान सड़कें खराब होने से कई बार यात्रा रुक जाती है. कई बार तो दो से तीन दिन तक यात्रियों को एक ही स्थान पर सड़क खुलने का इंतजार करना पड़ता है. ऑल वेदर रोड बनने से यह परेशानी दूर हो जाएगी. यहां तक कि यह यात्रा सालभर चल सकेगी.
इसके साथ ही स्थानीय निवासियों को भी बारह महीने रोजगार के अवसर भी बने रहेंगे. इतना ही नहीं, इससे न केवल चारधाम यात्रा मार्ग के अंतर्गत आने वाले जिलों के भीतर यातायात का भार कम होगा, बल्कि संपर्क मार्गों को पक्का करने में भी मदद मिलेगी.
केदारनाथ का पुनर्निर्माण और चार धाम आल वेदर रोड उत्तराखंड में पीएम मोदी के दो ड्रीम प्रोजेक्ट हैं जिन्हें वे 2019 में चुनाव से पहले अंजाम तक पहुंचना चाहते हैं.