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उत्तराखंड: लोकसभा की तैयारी पर अमित शाह ने किया मंथन

शाह देहरादून में चार बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं. इस क्रम में उन्होंने रविवार दोपहर 1 बजे विस्तारक बैठक को सम्बोधित किया. इसमें विस्तारकों से सभी विधानसभाओं के बारे में जानकारी ली गई. ताकि इस बात का पता लग सके कि 2019 के लोकसभाओं में पार्टी को किन विधानसभाओं में और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है, साथ ही बूथ लेवल पर संगठन कितना मजबूत है.

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अमित शाह
अमित शाह

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बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह उत्तराखंड के अहम दौरे पर हैं. उनका यह दौरा आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होने वाला है. इस दौरे पर हरिद्वार से लेकर देहरादून तक अमित शाह की ताबड़तोड़ बैठकें चल रही हैं. इसी कड़ी में देहरादून में सबसे पहले पूर्ण कालिक विधानसभा विस्तारकों की बीजापुर गेस्ट हाउस में बैठक हुई. इसमें पार्टी और संगठन के कई पदाधिकारी मौजूद रहे. ये बैठक लगभग एक घंटे तक से ज्यादा चली इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कई दिशा निर्देश दिये.

शाह देहरादून में चार बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं. इस क्रम में उन्होंने रविवार दोपहर 1 बजे विस्तारक बैठक को सम्बोधित किया. इसमें विस्तारकों से सभी विधानसभाओं के बारे में जानकारी ली गई. ताकि इस बात का पता लग सके कि 2019 के लोकसभाओं में पार्टी को किन विधानसभाओं में और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है, साथ ही बूथ लेवल पर संगठन कितना मजबूत है. साथ ही मंत्रियों और विधायकों की कार्यशैली की भी जानकारी ली गई. बूथ स्तर तक विस्तारकों को वह तमाम केंद्र की योजनाएं जन जन तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए और साथ ही बूथ स्तर से भी चुने गए नेताओं और विधायकों की भी कार्यकर्ताओं का रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गये हैं.

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शाह ने सोशल मीडिया वोलिंटियर सम्मलेन में कार्यकर्ताओं को सोशल मिडिया के जरिये पार्टी को मजबूत करने के निर्देश दिए. बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में कैसे पार्टी को मजबूत करना है, इसके बारे में सम्मेलन में बताया गया. जिससे आगामी लोकसभा चुनाव में राज्य की पांचों सीटों पर जीत हासिल की जा सके.

2014 लोकसभा में भाजपा की प्रचण्ड जीत में अहम भूमिका निभाने वाली सोशल मीडिया का दामन एक बार फिर भाजपा ने संभालना शूरू कर दिया है. ये भी माना जा रहा है कि मोदी सरकार को अनुमान हो चुका है कि आगामी चुनाव पिछले आम चुनावों की तरह एकतरफा नहीं होने वाले हैं. ऐसे में सरकार एक एक सीट पर ध्यान गड़ाए है.

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