उत्तराखंड के अंकिता हत्याकांड में रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलाने पर अंकिता के परिजनों के बाद अब राज्य के पूर्व डीजीपी ने भी सवाल उठाए हैं. सूबे के पूर्व DGP आलोक बी लाल ने कहा कि रिजॉर्ट गिराने में जो हड़बड़ी दिखाई गई, उससे अहम सबूत नष्ट हो गए होंगे.
बता दें कि इससे पहले अंकिता के परिवार ने भी पौड़ी गढ़वाल जिले के भोगपुर में रिजॉर्ट के कुछ हिस्सों को तोड़ने पर सबूत नष्ट होने के आरोप लगाए थे. पूर्व डीजीपी ने एजेंसी से कहा कि उन्हें लगता है कि इस मामले में तथाकथित अवैध रिजॉर्ट को गिराने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया.
आलोक बी लाल ने आगे कहा कि इस मामले में बुलडोजर ने बिना किसी पूर्व सूचना के रात में रिजॉर्ट के कुछ हिस्सों को तोड़ दिया. देर रात कार्रवाई करने के पीछे उद्देश्य खुद प्रभावशाली दिखाने का प्रशासन का अति उत्साह में लिया गया फैसला हो सकता है.
पूर्व डीजीपी ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि क्या तोड़फोड़ आरोपियों ने खुद करवाई. उन्होंने कहा कि ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा कि वास्तव में बुलडोजर किसके आदेश पर चलाया गया.
बता दें कि रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलने के बाद पौड़ी जिला प्रशासन ने दावा किया था कि उन्होंने रिजॉर्ट की वीडियोग्राफी 22 सितंबर को कर ली थी. वीडियो फुटेज में सभी सबूत बरकरार हैं. इस पर पूर्व डीजीपी ने कि वीडियोग्राफी फोरेंसिक साक्ष्य को रिकॉर्ड नहीं कर सकती. बाल, पसीना, लार जैसे तथ्य जमा करने के लिए फोरेंसिक जांच जरूरी होती है.
इससे पहले रिजॉर्ट गिराने पर अंकिता के पिता ने खासी नाराजगी जताई थी. उन्होंने बेटी के शव का अंतिम संस्कार तक करने से इनकार कर दिया था. अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने सरकार से कुछ सवालों के जवाब मांगे थे. उन्होंने पूछा था कि सरकार ने रिजॉर्ट क्यों गिराया, जबकि वहां तो सारे सबूत थे. मृतका के मौसा एमएस राणा ने कहा था कि जब तक पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होती, तब तक अंतिम संस्कार नहीं होगा. हालांकि, बाद में अंतिम संस्कार कर दिया गया था.
क्या है पूरा मामला?
पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर विधानसभा इलाके के एक प्राइवेट रिजॉर्ट में अंकिता रिसेप्शनिस्ट थी. अंकिता बीते 18-19 सितंबर से गायब थी. पुलिस और SDRF की टीमें जिला पावर हाउस के पास शक्ति नहर में तलाशी अभियान चला रही थीं. शनिवार यानी 24 सितंबर की सुबह पुलिस को अंकिता की डेडबॉडी चिल्ला पावर हाउस के पास से मिली थी.
अंकिता भंडारी की हत्या के आरोपी में पुलिस ने रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और असिस्टेंट मैनेजर अंकित गुप्ता को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. पुलकित आर्य पूर्व राज्य मंत्री भाजपा विनोद आर्य का बेटा है.
आरोपी सौरभ ने पुलिस को बताया था अंकिता और पुलकित में विवाद हुआ था. अंकिता हमें अपने साथियों के बीच बदनाम करती थी. हमारी बातें अपने साथियों को बताती थी कि हम उसे कस्टमर से संबंध बनाने के लिए कहते हैं. इस दौरान हुई हाथापाई के समय हमने गुस्से में उसे धक्का दे दिया था और वह नहर में गिर गई थी.