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माणा एवलांच: 6 फीट बर्फ के नीचे 22 मजदूरों की तलाश, चमोली समेत 3 जिलों में भारी बर्फबारी का अलर्ट

चमोली में शुक्रवार सुबह 7:15 बजे एवलांच की वजह से 55 मजदूर बर्फ में दब गए. मजदूर 8 कंटेनर और एक शेड में थे. घटना बद्रीनाथ से 3 किलोमीटर दूर चमोली के माणा गांव में हुई. यहां बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन यानी BRO की टीम चमोली-बद्रीनाथ हाईवे पर बर्फ हटाने के काम में लगी हुई थी. मजदूर BRO की टीम के साथ थे.

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चमोली में एवलांच आने से कई लोग दब गए.
चमोली में एवलांच आने से कई लोग दब गए.

उत्तराखंड में तबाही का बर्फीला तांडव देखने को मिला. शुक्रवार सुबह बर्फीला तूफान यानी एवलांच आने से 57 मजदूर बर्फ में दब गए. इनमें से 33 मजदूरों को निकाल लिया गया है, जबकि 22 मजदूर अब भी दबे हुए हैं. रेस्क्यू किए गए मजदूरों को पास के माणा गांव स्थित सेना कैंप में ले जाया गया है, जहां चार की हालत गंभीर बताई जा रही है. मौसम साफ होते ही घायलों को एयरलिफ्ट कर ऐम्स ऋषिकेश लाया जाएगा. टीम राहत और बचाव में लगी है. 

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वहीं उत्तराखंड मौसम विभाग ने तीन जिलों में बारिश और बर्फबारी का रेड अलर्ट जारी किया है. इसमें चमोली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग में शनिवार सुबह तक बर्फबारी और बारिश की चेतावनी जारी की गई है. साथ ही लोगों से की सावधानी बरतने की अपील की गई है. उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को घटनास्थल पर पहुंचेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे.

खराब मौसम, भारी बर्फबारी और दुर्गम इलाके के कारण रेस्क्यू टीमों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. केंद्र सरकार से लेकर, राज्य सरकार तक, इस हादसे पर पल पल की नज़र बनाए हुए हैं. दरअसल, उत्तर भारत में उत्तराखंड से लेकर हिमाचल प्रदेश तक और हिमाचल प्रदेश से जम्मू-कश्मीर तक, अचानक से मौसम ने करवट ली. फरवरी में मौसम की ऐसी तब्दीली बेहद चौंकाने वाली है, क्योंकि कहां तो फरवरी में लोग गर्मी का एहसास कर रहे थे और कहां अचानक से भारी बर्फबारी होने लगी. उत्तराखंड में 26 फरवरी से मौसम बदलना शुरू हुआ और महज दो दिन के अंदर तबाही का बर्फीला तूफान आ गया. 

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बद्रीनाथ से तीन किलोमीटर दूर हुई घटना

चमोली में शुक्रवार सुबह 7:15 बजे एवलांच की वजह से 55 मजदूर बर्फ में दब गए. मजदूर 8 कंटेनर और एक शेड में थे. घटना बद्रीनाथ से 3 किलोमीटर दूर चमोली के माणा गांव में हुई. यहां बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन यानी BRO की टीम चमोली-बद्रीनाथ हाईवे पर बर्फ हटाने के काम में लगी हुई थी. मजदूर BRO की टीम के साथ थे.

आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने फोन पर आजतक से कहा कि घटना वाले इलाके में स्थिति थोड़ी सी बेहतर हुई है. एवलांच के वक्त 55 लोग मौजूद थे. दो श्रमिक छुट्टी पर थे, जिसमें 33 को रेस्क्यू कर लिया गया है, अन्य 22 श्रमिकों की तलाश जारी है. 

NDRF, ITBP और सेना भी रेस्क्यू में जुटी

सेना के मुताबिक घटना की जानकारी मिलते ही क्विक रिस्पॉन्स टीम के 100 से ज्यादा जवान तत्काल रेस्क्यू में जुटे. इसमें डॉक्टर, एम्बुलेंस स्टाफ भी शामिल हैं. जैसे ही चमोली में बर्फीला तूफान आया, तुरंत केंद्र सरकार भी अलर्ट पर आ गई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मामले का संज्ञान लिया. NDRF, SDRF, ITBP, ARMY और BRO की टीमें मजदूरों के रेस्क्यू में जुटी हुई हैं. लेकिन भयंकर बर्फबारी के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं. हाईवे बर्फ से ढका होने के कारण रास्ता बंद होने से एनडीआरएफ को घटनास्थल पहुंचने में दिक्कतें आ रही हैं. 

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अधिकतर मजदूर कर्मचारी पंजाब, यूपी, हरियाणा के हैं. हेलिकॉप्टर और ड्रोन टीम को भी अलर्ट पर रखा गया है. खराब मौसम के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं. इधर, मौसम विभाग ने 28 फरवरी की देर रात तक उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के मुताबिक इस दौरान 20 CM तक बारिश हो सकती है. मजदूरों को क्षतिग्रस्त कंटनरों से रेस्क्यू टीम ने बाहर निकाला. जहां हादसा हुआ, वहां पर कमर से ऊपर तक बर्फ जमा है. 

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