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यमुनोत्री नेशनल हाइवे का हरबर्टपुर से नौगांव तक का मार्ग बिल्कुल खस्ताहाल हो चुका है. यह रोड अब हादसों का मार्ग कहलाया जाने लगा है, क्योंकि लगातार हर साल इस मार्ग पर हादसे होते जा रहे हैं. उत्तरकाशी जिले के पुरोला क्षेत्र में रविवार देर शाम डामटा के पास रिखावू खड्ड के निकट इस मार्ग ने 26 जिंदगियों को खत्म कर दिया.
स्थानीय निवासी और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के मुताबिक, 1985 में इस मार्ग में भी डामटा के पास सड़क हादसे में 22 लोगों की मौत हुई थी जबकि एक अन्य हादसे में रोडवेज की बस दर्घटना में 14 लोग नैन गांव के पास मर गए थे. फिर से 2018 में भी 17 लोगों ने जान गंवाई, लेकिन फिर भी प्रशासन ने सबक नहीं लिया. दुपहिए वाहनों के आंकड़ों पर यदि गौर किया जाए तो पिछले 10 सालों में दर्जन भर से अधिक दुपहिया चालक भी हादसे के शिकार हो चुके हैं.
उत्तराखंड जब उत्तरप्रदेश के अधीन था, तो उस समय इस मार्ग को दिल्ली यमुनोत्री नेशनल हाइवे-123 के नाम से जाना जाता था. लेकिन 2002 में इस मार्ग को हरबर्टपुर बड़कोट हाइवे-507 के रूप में जाना जाने लगा. यह वही मार्ग है जहां से यात्राकाल में हजारों श्रद्धालु यमुनोत्री के दर्शनों के लिए आवाजाही करते हैं.
मान्यता भी है कि चारों धाम में यमुनोत्री धाम के दर्शन सर्वप्रथम किए जाने चाहिए, लेकिन इस मार्ग का चौड़ीकरण अभी तक नहीं किया जा सका है. लगभग 111 किलोमीटर का यह रोड पोंटा साहिब से लगे हरबर्टपुर से शुरू होता है और यमुनोत्री धाम के अहम पड़ाव बड़कोट को जोड़ता है.
यमुनोत्री हाइवे के पोल गांव से पाली गाड़ तक करीब 22 किलोमीटर का मार्ग चौड़ीकरण कर दिया गया है, लेकिन बेहद खतरनाक 111 किलोमीटर के इस मार्ग की सुध अभी तक नहीं ली गई है. स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर खासा आक्रोश है. इस मार्ग के चौड़ीकरण को लेकर इस्थानीय जन प्रतिनिधि नितिन गडकरी सहित राजनाथ से भी अपनी मांग को रख चुके हैं, लेकिन अभी तक मार्ग का चौड़ीकरण नहीं हो पाया है.
वहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड के इंजीनियर राकेश कुमार पंत ने बताया कि इस मार्ग की डीपीआर तैयार की जा रही है. उसके बाद मंत्रालय की अनुशंसा के आधार पर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. फिलहाल कंसल्टेंसी कंपनी मार्ग की डीपीआर तैयार कर रही है.
बता दें कि उत्तरकाशी जिले के पुरोला क्षेत्र में रविवार देर शाम डामटा के पास रिखावू खाई में तीर्थयात्रियों से भरी बस जा गिरी. गाड़ी में सवार मध्य प्रदेश स्थित पन्ना जिले के जखला गांव के 26 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी. हादसे के समय बस ड्राइवर और कंडक्टर सहित 30 यात्री सवार थे. हादसे में घायल हुए 4 यात्रियों को देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है.