उत्तराखंड के बागेश्वर जिले की कांडा तहसील में रंगथरा-मजगांव-चौनाला मोटर मार्ग को लेकर गांव वालों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. ग्रामसभा जाखनी की महिलाओं ने चिपको आंदोलन की तर्ज पर पेड़ों को बचाने का निर्णय लिया है.
बागेश्वर के जाखनी की महिलाओं ने पेड़ से चिपककर अनोखे तरीके से विरोध कर पेड़ों को बचाने का संकल्प लिया. गांव वाले रंगथरा-मजगांव-चौनाला मोटर मार्ग निर्माण का विरोध कर रहे हैं. गांव वालों के विरोध के पीछे बहुमूल्य पेड़ों की बर्बादी तो है ही साथ ही साथ उन्हें उनके पानी के स्रोत को भी खोने का डर सता रहा है.
ये है गांव वालों के विरोध की वजह
ग्रामीणों को डर है कि सड़क बनने से जाखनी ग्रामसभा की वन पंचायत में आने वाले बांज, बुरांश, उतीस आदि बहुमूल्य पेड़ बर्बाद हो जाएंगे. इसके अलावा गांव वालों के विरोध की सबसे बड़ी वजह ग्रामीणों को पानी देने वाला स्रोत भी है. जंगल बर्बाद होने से 600 लोगों की आबादी को उस जल स्रोत से भी हाथ धोना पड़ेगा.
इसी वजह से गांव वालों ने निर्णय लिया है कि हर महिला एक-एक पेड़ पर चिपककर अपने नौनिहालों की तरह इसकी सुरक्षा करेगी. उनका कहना है कि मजगांव तक सड़क कट गई है. इससे आगे का सड़क निर्माण विनाशकारी होगा.
पुराना है ये विवाद
रंगथरा-मजगांव-चौनाला मोटर मार्ग की दो किलोमीटर सड़क का विवाद बहुत पुराना है. सरकार से यह सड़क स्वीकृत हो चुकी है. हाई कोर्ट से भी सड़क निर्माण को इजाजत मिल चुकी है. विरोध के बावजूद पुलिस सुरक्षा में मजगांव तक सड़क बन भी चुकी है. अब करीब 700 मीटर सड़क कटनी है. जाखनी में 300 मीटर वन क्षेत्र आ रहा है. इसमें वन विभाग के अनुसार 33 पेड़ काटे जाने हैं.
(रिपोर्ट-जगदीश पांडेय)