उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने गत सितंबर में उत्तरकाशी और रूद्रप्रयाग जिलों में बादल फटने से हुए जानमाल के नुकसान का जायजा लेने आयी केंद्रीय टीम से शनिवार को आग्रह किया कि वह अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द केंद्र को सौंप दें जिससे राज्य को आपदा राहत में आवश्यक धनराशि मिल सके.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आपदाग्रस्त क्षेत्रों का भ्रमण करने के बाद अपने आवास पर मिलने आयी केंद्रीय टीम को बहुगुणा ने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र द्वारा उपलब्ध करायी गयी अंतरिम सहायता के सहयोग से सड़क, बिजली तथा पेयजल योजनाओं का पुननिर्माण कराने के साथ ही पीड़ितों को हरसंभव मदद देने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को आपदा में हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति भी राज्य सरकार अपने स्तर पर कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा, 'नुकसान की व्यापकता को देखते हुए आधारभूत सुविधाओं की पुनर्स्थापना के लिये और भी अधिक सहायता राशि की आवश्यकता है.' केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एम गोपाल रेड्डी के नेतृत्व में आयी टीम ने बताया कि उन्होंने प्रभावित स्थलों का दौरा कर सूचनाओं का संकलन कर लिया है और जल्दी ही इस संबंध में रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को सौंप दी जायेगी.
मुख्यमंत्री से मिलने के बाद केंद्रीय टीम ने राज्य के मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की. बैठक के दौरान जैन ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में दैवीय आपदा के मानकों में शिथिलता होनी चाहिये तथा क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार सहायता राशि में भी वृद्धि की जानी चाहिये ताकि आपदा प्रभावितों की अधिक प्रभावी ढंग से मदद की जा सके. उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में आपदा के दौरान विभिन्न विभागों की 2425 योजनायें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिनकों बहाल करने के लिये 612 करोड़ 44 लाख रूपये की आवश्यकता है.
जैन ने कहा कि योजनाओं के रखरखाव के लिये तात्कालिक रूप से 236 करोड़ 21 लाख रूपये की जरूरत होगी तथा इन योजनाओं को पूर्ण रूप से क्रियाशील करने के लिये 376 करोड़ 22 लाख रूपये की आवश्यकता होगी.