उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सोमवार को विधानसभा के बाहर प्रदर्शन के दौरान पुलिस के घोड़े पर हमला कर उसे लहूलुहान करने वाले विधायक गणेश जोशी को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. गौरतलब है कि शुक्रवार सुबह ही आरोपी विधायक की गिरफ्तारी हुई थी.
WATCH: BJP MLA Ganesh Joshi accused of attacking police horse Shaktiman, arrested in Dehradun.https://t.co/H3HVm1ybRR
— ANI (@ANI_news) March 18, 2016
बीजेपी विधायक गणेश जोशी की गिरफ्तारी पर आपत्ति दर्ज करने के लिए बीजेपी का डेलिगेशन उत्तराखंड के डीजीपी बीएस सिद्धू के पास पहुंचा. उनकी शिकायत थी कि विधायक को गिरफ्तार करने का ये तरीका सही नहीं था.
BJP delegation meets Uttarakhand DGP BS Sidhu over BJP MLA Ganesh Joshi's arrest (accused of hurting police horse) pic.twitter.com/IwZrSqb8nK
— ANI (@ANI_news) March 18, 2016
उत्तराखंड के डीजीपी बीएस सिद्धू ने उन्हें जवाब देते हुए कहा कि आपराधिक मामले में विधायक की गिरफ्तारी के लिए विधानसभा की इजाजत लेना जरूरी नहीं होता.
Prior permission of Assembly is not needed for arrest of an MLA in criminal case-Uttarakhand DGP BS Sidhu pic.twitter.com/TRdeqzwOKr
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दरअसल देहरादून विधानसभा का घेराव करने पहुंचे बीजेपी कार्यकर्ताओं को जब रोकने की कोशिश की गई तो, विधायक गणेश जोशी पुलिस के घोड़े पर ही बरस पड़े. उन्होंने घोड़े को लाठी से पीट कर लहूलुहान कर दिया. इस दौरान घोड़ा बुरी तरह घायल हो गया और वहीं जमीन पर गिर पड़ा.
सर्जरी कर काटा गया घोड़े का पैर
बीजेपी विधायक की ओर से किए गए हमले में घायल घोड़े शक्तिमान को पैर गंवाना पड़ा. उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी बीएस सिद्धू ने बताया कि घोड़े के पैर की सर्जरी की कर उसे काट दिया गया.
अगर दोषी पाया गया तो पैर कटवा लूंगा
वहीं बीजेपी विधायक गणेश जोशी ने अपने बचाव में कहा था कि अगर उन पर लगे आरोप साबित हो गए, तो उनके पैर काट दिए जाएं. उन्होंने कहा, 'अगर मैं दोषी पाया गया तो हर सजा के लिए तैयार हूं.' बुधवार को बीजेपी एमएलए का बयान तब आया, जब उनके खिलाफ पुलिस ने प्रिवेंशन ऑफ एनिमल क्रुअल्टी एक्ट के तहत केस दर्ज किया.