यदि आप चार धाम की यात्रा पर जाने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपको थोड़ा निराश कर सकती है. खराब मौसम की वजह से फिलहाल चार धाम की यात्रा रोक दी गई है. उत्तराखंड सरकार ने भी इस यात्रा को भगवान भरोसे छोड़ दिया है.
सरकार ने कुदरत से लड़ने में खुद को असमर्थ बताते हुए मंगलवार को साफ किया कि यदि मौसम यूं ही खराब रहा तो सरकार भी कुछ नहीं कर सकती. फिलहाल बद्रीनाथ जाने वाले रास्ते में कंचनजंगा ग्लेशियर के गिरने के बाद चार धाम यात्रा बंद कर दी गई है और हजारों लोग रास्ते में फंस गए हैं. हालांकि सरकार फंसे हुए यात्रियों के लिए सभी प्रकार के सुविधाएं मुहैया कराए जाने की बात कर रही है लेकिन हकीकत ये है कि रास्तों में फंसे लोगों की हालत खराब है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि वो प्रकृति से नहीं लड़ सकते, यदि यूं ही बर्फबारी होती रही तो वो भी कुछ नहीं कर पाएंगे. फंसे लोगों को सेना की मदद से निकाले जाने की बात पर हरीश रावत का कहना था कि सेना भी ऐसी हालत में कुछ नहीं कर सकती. हरीश ये बोलते वक्त शायद ये भूल गए कि पिछले साल आई त्रासदी के वक्त सेना ने ही देवदूत की तरह फंसे हुए लोगों को रेस्क्यू करके निकाला था.
चार धाम यात्रा शुरू होने के पहले बड़े बड़े दावे करने वाली उत्तराखंड सरकार ने यात्रा पर आए हजारों लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है. लेकिन लोगों की भगवान में आस्था भी ऐसी है कि कोई भी बिना भगवान के दर्शन किए वापस नहीं जाना चाहता.