scorecardresearch
 

तपोवन में 'ग्राउंड जीरो' पर सबसे पहले पहुंचा आजतक, देखें तबाही का मंजर

हादसे की जगह पर सबसे पहले आजतक पहुंचा. आजतक से बात करते हुए राहत और बचाव कार्य में जुटे भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने रात के अंधेरे में आ रही दिक्कतों का जिक्र किया.

Advertisement
X
तपोवन के पास बनी झील (फोटोः पीटीआई)
तपोवन के पास बनी झील (फोटोः पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • झील बनने से बढ़ा नदी का जल स्तर
  • सुबह से मौके पर हैं आईटीबीपी के जवान

उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन इलाके में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही हुई है. कई लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, वहीं सौ से अधिक लोग लापता हैं. तपोवन टनल से 16 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है. इस बीच हादसे की जगह यानी 'ग्राउंड जीरो' पर देर रात सबसे पहले आजतक पहुंचा. आजतक से बात करते हुए राहत और बचाव कार्य में जुटे भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने रात के अंधेरे में आ रही दिक्कतों का जिक्र किया.

Advertisement

आईटीबीपी के अधिकारियों ने कहा कि सुबह में रेस्क्यू कार्य फिर से तेज किया जाएगा. हम पूरी रात रेस्क्यू ऑपरेशन संचालित करेंगे. फंसे लोगों को निकालने का प्रयास किया जाएगा. अधिकारियों के मुताबिक रात के अंधेरे में रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन फिर भी रेस्क्यू ऑपरेशन रातभर चलेगा.

आईटीबीपी के साथ ही नेशनल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स (एनडीआरएफ) और स्टेट डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स (एसडीआरएफ) के जवान भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं. भारतीय वायु सेना का चिनूक हेलिकॉप्टर भी स्टैंड बाई में रखा गया है. इलाके में रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर जारी है. वहीं, तपोवन इलाके में इस त्रासदी के कारण हुई तबाही के निशान बिखरे पड़े हैं.

तपोवन के समीप ग्लेशियर टूटने के कारण झील बन गई है. झील के कारण नदी का जल स्तर भी बढ़ गया है. नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है वहीं ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट भी पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. एनटीपीसी के इस प्रोजेक्ट से जुड़े कई लोग भी त्रासदी के बाद लापता हैं. हरिद्वार से लेकर यूपी के वाराणसी तक, गंगा नदी के तटवर्ती जिलों में प्रशासन अलर्ट है. 

Advertisement

नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद टिहरी के जिलाधिकारी ने टिहरी बांध से नियंत्रित तरीके से पानी छोड़ने के निर्देश दिए हैं. दूसरी तरफ, राहत और बचाव कार्य के लिए सेना की भी सहायता ली जा रही है. भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलिकॉप्टर्स को स्टैंडबाई में रखा गया है. जरूरत पड़ने पर चिनूक को भी राहत और बचाव कार्य के लिए तैनात किया जाएगा.

बता दें कि रैणी गांव के समीप ग्लेशियर टूटने के कारण आए  सैलाब में ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट भी पूरी तरह से तबाह हो गया. इस त्रासदी में सौ से अधिक लोग बह गए. आईटीबीपी ने आठ लोगों के शव बरामद किए जाने की पुष्टि की है. तपोवन टनल में फंसे 16 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी चमोली पहुंचकर इस प्राकृतिक आपदा के संबंध में जानकारी ली थी और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए थे.

(तपोवन से तेजपाल चौहान की रिपोर्ट)

Advertisement
Advertisement