उत्तराखंड के चमोली के तपोवन में हुए हादसे के बाद अब तक 57 शव बरामद किए जा चुके है, जबकि 150 से ज्यादा लोग अब भी लापता है. बरामद शवों में 30 शवों की पहचान भी की जा चुकी है. उधर, सात फरवरी को हुए हादसे के बाद तपोवन में मलबा हटाने का काम जारी है, ताकि शवों को निकाला जा सके.
इस बीच उत्तराखंड के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना के हर एंगल की जांच की जाना चाहिए. घटना से सीख लेते हुए सतपाल महाराज ने कहा कि हम एक विभाग बनाएंगे ताकि हम उपग्रह के माध्यम से सभी ग्लेशियरों की निगरानी और अध्ययन कर सकें.
इस बीच उत्तराखंड के चमोली में आई आपदा का असर दिल्ली के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंच गया है. मुरादनगर से दिल्ली के 2 बड़े वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट सोनिया विहार और भागीरथी में गंगा का पानी सप्लाई किया जाता है, लेकिन गंगा के पानी मे गन्दगी का लेवल कहीं अधिक होने की वजह से ट्रीटमेंट प्लांट्स को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.
'आजतक' की टीम ने सोमवार को उत्तरी पूर्वी दिल्ली के भागीरथी ट्रीटमेंट प्लांट का जायजा लिया. यहां 13 फरवरी की दोपहर में सबसे पहले गंगा का गंदा पानी आना शुरू हुआ था. छुट्टी का दिन होने के बावजूद प्लांट में तमाम बड़े इंजीनियर और करीब 250 लोगों का स्टाफ 24 घण्टे गंगा की पानी की सफाई में लगा रहा.
प्लांट पर मौजूद अधिकारियों के मानें तो गंगा के पानी में लकड़ी के टुकड़े, मलवा अधिक होने से मशीनें जाम हो जाने का डर रहता है. ऐसे में लगातार मशीनों की सफाई करना एक बड़ी चुनौती थी क्योंकि मशीनें जाम होने की वजह से पानी का प्रोडक्शन कई घण्टों तक रुक सकता था. आम दिनों में गंगा के पानी को साफ करने में ढाई घण्टे का समय लगता है जो अब बढ़ गया है.