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उत्तराखंडः चंपावत में शारदा का जल प्रलय, अब नेपाल, उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए बड़ा खतरा

नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिससे आबादी वाले इलाकों को भी खतरा बढ़ता जा रहा है. पानी नदी के किनारे बने घाट तक पहुंच गया है और सब कुछ बहाता ले जा रहा है. साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआएफ को हर समय अलर्ट पर रखा गया है.

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चंपावत में बाढ़ से हर ओर तबाही का मंजर (फोटो-आजतक)
चंपावत में बाढ़ से हर ओर तबाही का मंजर (फोटो-आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जिले के टनकपुर बनबसा और अन्य जगहों में बरसाती नालों का रौद्र रूप
  • प्रशासन, पुलिस, NDRF और SDRF जैसी सभी टीम हर समय अलर्ट
  • मॉनसून दृष्टिगत राज्य में 31 स्थानों पर एसडीआरएफ की तैनातीः DGP

उत्तराखंड में भयंकर बारिश से बाद ज्यादातर नदियां अपने उफान पर हैं तो वहीं चंपावत जिले से बहने वाली शारदा नदी ने भी चारों तरफ हाहाकार मचाना शुरू कर दिया है. जिले के टनकपुर बनबसा और अन्य जगहों में बरसाती नालों ने भी रौद्र रूप धारण किया हुआ है जो सब कुछ तहस-नहस और बर्बाद करने पर उतारू है.

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चंपावत जिले से बहने वाली शारदा नदी उत्तर प्रदेश, बिहार उत्तराखंड और नेपाल में हर साल तांडव मचाती है. पानी की विकराल लहरें सड़क मार्ग चंपावत से गुजर रही हैं. लहरों के दोनों ओर गाड़ियों की लंबी कतारें लगी हुई हैं. पानी के बीच में कई मवेशी तक फंसे हुए हैं. बड़ी संख्या में गाय और भैंस हाहाकारी लहरों से लगातार जिंदगी की जंग जीतने की कोशिश में हैं.

शारदा नदी उत्तराखंड और नेपाल के बीच में बहने वाली नदी है जो कि भारत और नेपाल के बीच एक सीमा का काम भी करती है. यह इतने विकराल रूप में बह रही है कि अपने सभी खतरों के निशान को पार करने के बाद नदी के किनारे बने घाट और बैठने वाले स्थानों को बहाने का प्रयास कर रही है. खतरे के निशान से ऊपर बहती और चारों तरफ पानी के शोरगुल साथ में नदी के किनारे बने घाट भी पानी में डूबते नजर आ रहे हैं.

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नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिससे आबादी वाले इलाकों को भी खतरा बढ़ता जा रहा है. पानी नदी के किनारे बने घाट तक पहुंच गया है और सब कुछ बहाता ले जा रहा है. घाट पर पर्यटकों के लिए बैठने और स्थानीय लोगों के आराम करने के लिए बनाई गई कुर्सियां आदि सब कुछ पानी अपने साथ बहाकर ले गया. यहां पानी ने तबाही मचा रखी है और तबाही के निशान छोड़ गया है.

NDRF और SDRF अलर्ट मोड पर

शारदा बैराज पर पानी की विनाशकारी लहरें इतना शोर मचा रही है कि आसपास रहने वाले लोगों का बुरा हाल है. अभी मानसून की शुरुआत ही है, लेकिन नदियां लगातार हाहाकार मचाने को आतुर दिखाई दे रही हैं. कुमाऊं से लेकर गढ़वाल और पूरा उत्तराखंड आपदाग्रस्त दिखाई दे रहा है.

भयानक नदियों का रौद्र रूप उत्तर प्रदेश, बिहार में एक बार फिर से तबाही मचाने को बेताब दिखाई दे रहा है. आसपास के क्षेत्र और नदियों के किनारे रहने वाले क्षेत्रों में अलर्ट जारी किए गए हैं. साथ ही प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआएफ जैसी सभी टीमों को हर समय अलर्ट पर रखा गया है.

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31 स्थानों पर SDRF की तैनातीः DGP 
इस बीच उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि आपदा के तहत मॉनसून के मद्देनजर पूरे उत्तराखंड में 31 स्थानों पर एसडीआरएफ की तैनाती की गई है ताकि किसी भी घटना स्थल पर एसडीआरएफ को तत्काल पहुंचाया जा सके. साथ ही उत्तराखंड के सभी  थाने और चौकी में भी ट्रेंड पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. 

बाढ़ से हर ओर तबाही का मंजर

राज्य में बाढ़ राहत की दो कंपनियां भी तैनात की गई हैं, जिसमें एक कुमाऊं रेंज में और एक गढ़वाल रेंज में है. जल पुलिस के कर्मचारियों को भी नदियों के आसपास जल पुलिस चौकी में तैनात किया गया है. डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि उत्तराखंड पुलिस की आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

 

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