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Chardham Yatra 2023: गंगोत्री-यमुनोत्री के खुले कपाट, बर्फबारी और बारिश के बीच हुआ चारधाम यात्रा का आगाज

उत्तराखंड में गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का आगाज हो गया. देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के सरकार ने एक एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि मौसम के पूर्वानुमान के हिसाब से ही यात्रा करें, क्योंकि उत्तराखंड में अभी रुक-रुककर बर्फबारी हो रही है.

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Chardham Yatra 2023.
Chardham Yatra 2023.

Chardham Yatra 2023: गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है. बता दें कि केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को विधि विधान से सुबह 6:10 बजे खोले जाएंगे. वहीं केदारनाथ में बर्फबारी और बारिश के मद्देनजर एडवाइजरी जारी की गई है. इसमें कहा गया है कि श्री केदारनाथ धाम में गत दिनों से हो रही बारिश-बर्फबारी के मद्देनजर श्रद्धालुओं से आग्रह है कि वे मौसम के मद्देनजर संभलकर और मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार यात्रा शुरू करें.

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श्री केदारनाथ धाम में रुक-रुककर बारिश और बर्फबारी हो रही है. देश और विदेश से श्री केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि वे श्री केदारनाथ धाम जाने से पहले मौसम का पूर्वानुमान देखें. बारिश और ठंड से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े ले जाएं. बर्फबारी के बीच अत्यधिक ठंड होने के कारण यात्रा के दौरान तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

सभी यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य संबंधी पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. यात्रा प्रारंभ करने या यात्रा के दौरान स्वास्थ्य बिगड़ने पर तत्काल नजदीकी हेल्थ सेंटर पर जाकर डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं. सुगम, सुरक्षित और निर्बाध यात्रा कराने के लिए सरकार पूरे इंतजाम कर रही है. यात्रा व्यवस्थाओं की नियमित रूप से मॉनीटरिंग की जा रही है.

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वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा राज्य के लिए उत्सव है. उन्होंने कहा है कि चारधाम पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा होगी. चारधाम जा रहे श्रद्धालुओं का माल्यार्पण कर मुख्यमंत्री धामी ने स्वागत किया.

उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार का संकल्प है कि प्रत्येक श्रद्धालु को चारधाम के दर्शन कराए जाएंगे. श्रद्धालु यात्रा में बिताए गए समय की स्वर्णिम यादों को साथ लेकर जाएंगे. 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे और 27 को बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे.

चारधाम यात्रा-2023 के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एसओपी

चारधाम यात्रा में सभी तीर्थ स्थल उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित हैं, जिनकी ऊंचाई समुद्र तल से 2700 मीटर से भी अधिक है. उन स्थानों में यात्री अत्यधिक ठंड, कम आर्द्रता, अत्यधिक अल्ट्रा वॉइलेट रेडिएशन, कम हवा का दबाव और कम ऑक्सीजन की मात्रा से प्रभावित हो सकते हैं. इसको लेकर सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

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सरकार की ओर से कहा गया है कि यात्रा से पहले चिकित्सा और ट्रैक की तैयारी सुनिश्चित करें. अधिक ऊंचाई बीमारी का कारण बन सकती है, इसके लिए योजना बनाना, तैयारी करना और पैकिंग करना महत्वपूर्ण है. अपनी यात्रा की योजना कम से कम 7 दिनों के लिए बनाएं, वातावरण के अनुरूप ढलने के लिए समय दें. ब्रेक की योजना बनाएं.

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चढ़ाई के हर दो घंटे बाद ब्रेक लेना जरूरी

ट्रैक के हर एक घंटे बाद या ऑटोमोबाइल चढ़ाई के हर 2 घंटे बाद 5-10 मिनट का ब्रेक लें. इसके अलावा रोजाना 5-10 मिनट के लिए श्वास व्यायाम का अभ्यास करें. रोजाना 20-30 मिनट टहलें. यदि यात्री की आयु 55 वर्ष है या वह हृदय रोग, अस्थमा, उच्च रक्तचाप या मधुमेह से ग्रस्त है तो यात्रा के लिए फिटनेस सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य जांच करवाएं.

गर्म कपड़े और रेनकोट व छाता लेकर जाएं

गर्म कपड़े ऊनी स्वेटर, धर्मल, जैकेट, दस्ताने मोजे, बारिश से बचाव के लिए रेनकोट, छाता का भी इंतजाम करें. इसी के साथ स्वास्थ्य जांच उपकरण पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मधुमेह वाले यात्रियों के लिए जरूरी हैं. सभी जरूरी दवाएं, परीक्षण उपकरणों और अपने घर के डॉक्टर का संपर्क नंबर ले जाएं.

यात्रा से पहले मौसम की जांच करें और तय करें कि आपके पास ठंडे तापमान में प्रबंधन करने के लिए पर्याप्त गर्म कपड़े हैं. अगर आपके डॉक्टर यात्रा न करने की सलाह देते हैं, तो कृपया यात्रा न करें.

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