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चारधाम यात्रा के लिए 13 लाख लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन, केदारनाथ में मौसम और क्राउड मैनेजमेंट बड़ी चिंता

गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है. चार धाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह नजर आ रहा है. चारधाम यात्रा के लिए 13 लाख से अधिक श्रद्धालु पंजीकरण करा चुके हैं. उत्तराखंड सरकार ने श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान रखते हुए खास इंतजाम किए हैं. हालांकि, केदारनाथ में खराब मौसम ने चिंता बढ़ा दी है.

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चारधाम यात्रा शुरू (फाइल फोटो)
चारधाम यात्रा शुरू (फाइल फोटो)

श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र गंगोत्री, यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू हो गई है. अलकनंदा किनारे बैठे देवाधिदेव महादेव के दरवाजे भी भक्तों के लिए खुलने वाले हैं तो वहीं मंदाकिनी किनारे भगवान विष्णु का बैकुंठ धाम कहे जाने वाले बद्रीनाथ के कपाट भी खुलने वाले हैं. चार धाम यात्रा पर बड़ी तादाद में श्रद्धालु भी निकल चुके हैं.

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देवभूमि उत्तराखंड में आजकल हर तरफ आस्था का सैलाब नजर आ रहा है. हर की पैड़ी शुरू होते होते ही श्रद्धालु हिमालय की ओर बढ़ते दिखने लगते हैं. कुछ गंगा में डुबकी लगाकर आगे जा रहे हैं तो कुछ वापसी के समय गंगा स्नान की योजना बनाकर आगे बढ़ रहे हैं. हरिद्वार और ऋषिकेश पार करते ही सड़कों पर गाड़ियों का लंबा काफिला दिखना शुरू हो जाएगा. श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के चलते अक्सर ट्रैफिक जाम की स्थिति हो जा रही है. ऋषिकेश से गुजरते हुए संकरी सड़कों पर ट्रैफिक से निपटने के लिए व्यवस्था तो है लेकिन इस व्यवस्था के आगे श्रद्धालुओं की संख्या भारी पड़ रही है.

केदारनाथ से बद्रीनाथ की ओर जाने वाले यात्रियों को ऋषिकेश होकर जाना पड़ेगा. ऐसे में ऋषिकेश में ट्रैफिक व्यवस्था संभाल रहे संदीप तोमर बताते हैं कि वह यात्रा को लेकर उत्साहित हैं और किसी भी हाल में यात्रियों को तकलीफ नहीं होने देंगे. देवप्रयाग के आगे पहुंचने पर पड़ोसी देश नेपाल से चार धाम यात्रा पर आए श्रद्धालु भी नजर आए.

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पड़ोसी देश नेपाल से चारधाम यात्रा पर आए रूपन थारू ने बताया कि उनकी यात्रा दो महीने पहले शुरू हुई थी. रुपन थारू उल्टी दिशा में पैदल चलते हुए महादेव के दर्शन को जा रहे हैं. रूपन थारू ने इसे लेकर बताया कि वे विश्व शांति की कामना से उल्टी दिशा में पैदल चलकर महादेव के दर्शन के लिए पहुंचने का तप कर रहे हैं.

चार धाम यात्रा के लिए हो रहा ऑनलाइन पंजीकरण

चारधाम की यात्रा के लिए उत्तराखंड की सरकार ने श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है. उत्तराखंड सरकार की वेबसाइट पर अगर आपने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया तो श्रद्धालु हरिद्वार में बस स्टैंड के पास जिला पर्यटन केंद्र पहुंचकर भी ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. इसके लिए आधार कार्ड अनिवार्य होगा.

यात्रा मार्ग के होटल में भी प्री बुकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराने की सुविधा भी उपलब्ध है. जिन यात्रियों ने चारधाम यात्रा के लिए होटल बुकिंग करवा ली है लेकिन ऑनलाइन पंजीकरण नहीं करा पा रहे हैं तो ऐसे यात्रियों के लिए फोन नंबर भी जारी किए गए हैं. चारधाम यात्रा के लिए टोल फ्री नंबर 1364 (उत्तराखंड से) या 0135-1364 या 0135-3520100 पर कॉल करके पंजीकरण कराया जा सकता है.

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उत्तराखंड सरकार के मुताबिक चारधाम यात्रा के लिए अब तक 13 लाख से भी ज्यादा यात्री अपना पंजीकरण करवा चुके हैं. कोरोना महामारी के बाद चारधाम यात्रा के शुरू होने पर श्रद्धालुओं की तादाद में हुए इजाफे से उत्तराखंड सरकार भी खुश है. इस धार्मिक पर्यटन से उत्तराखंड सरकार को अच्छे राजस्व की प्राप्ति होगी.‌ गढ़वाल मंडल की ओर से संचालित गेस्ट हाउस की बुकिंग संख्या भी आठ करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है.

जगह-जगह लगाए गए गाइडलाइंस के बोर्ड

उत्तराखंड सरकार की ओर से चारधाम यात्रा के लिए जगह-जगह गाइडलाइंस के बोर्ड लगाए गए हैं. इनके माध्यम से श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान गर्म कपड़े, दवा और जूते के साथ ही बारिश से बचने के लिए छाता और अन्य जरूरी वस्तुएं साथ रखने की सलाह दी गई है. वरिष्ठ नागरिकों को ये हिदायत भी दी गई है कि वे हेल्थ चेकअप के बाद ही यात्रा की तैयारी करें. श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए किसी तरह की कोई अनहोनी न हो, इसके लिए प्रशासन ने गौरीकुंड से केदारनाथ तक की यात्रा पैदल तय करने वालों के लिए सुबह 5 बजे से लेकर के दोपहर के डेढ़ बजे तक का समय निर्धारित किया है.

मौसम विभाग ने जारी किया बारिश का पूर्वानुमान

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मौसम विभाग ने अधिक ऊंचाई वाले स्थलों पर बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है. मौसम विभाग के अधिकारी विक्रम सिंह ने कहा है कि जो भी श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए जा रहे हैं, वे पूरी तैयारी के साथ जाएं. उन्होंने कहा कि पहाड़ी इलाकों में फिलहाल बारिश का अंदेशा है. पहाड़ी इलाकों में तापमान गिरने से ठंड बढ़ सकती है. विक्रम सिंह ने साथ ही कुछ दिन बाद मौसम में बदलाव की भी संभावना जताई.

गुप्तकाशी से आगे मौसम खराब

चारधाम यात्रा मार्ग पर गुप्तकाशी से आगे बढ़ने पर मौसम लगातार खराब हो रहा है. पहाड़ी क्षेत्र में मौसम का अजीब मिजाज देखने को मिल रहा है. निचले इलाकों में जहां बारिश हो रही है तो वहीं ऊंचाई वाले इलाकों में घने बादलों का डेरा दिखाई पड़ता है. महादेव के दर्शन के लिए निकले श्रद्धालुओं को खराब मौसम से भी दो-चार होना पड़ सकता है. 

यात्रा मार्ग में लगाए गए मेडिकल कैंप

केदारनाथ के रास्ते में जगह-जगह मेडिकल कैंप लगाए गए हैं. इन मेडिकल कैंप में जरूरी दवाएं भी उपलब्ध हैं. मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों के साथ ही पाचन में परेशानी या कोई दूसरी अन्य बीमारी श्रद्धालुओं को परेशान ना करे, इसके लिए सभी जरूरी दवाएं इन मेडिकल कैंप में उपलब्ध हैं. डॉक्टर्स ने श्रद्धालुओं को यात्रा मार्ग पर धीरे-धीरे आगे बढ़ने और समय पर दवाएं लेने की सलाह दी है.

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भोलेनाथ के रंग में रंगा सोनप्रयाग

गौरीकुंड से पहले सोनप्रयाग एक बड़ा शहर है. ये शहर पूरी तरह भोले के रंग में रंग गया है. ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रखने के लिए प्रशासन ने तमाम चार पहिया वाहनों को सोनप्रयाग में ही रोक दिया है और इसके आगे की यात्रा सभी श्रद्धालुओं को पैदल या खच्चर के सहारे ही तय करनी है. देश के अलग-अलग राज्यों से श्रद्धालु सोनप्रयाग पहुंच चुके हैं जो पैदल मार्ग से अब केदारघाटी की ओर चलेंगे. सोनप्रयाग में चहुंओर महादेव की जय-जयकार गूंज रही है.

सोनप्रयाग के बाद केदार घाटी की यात्रा का अगला पड़ाव गौरीकुंड है. बाबा केदार की पालकी गौरी कुंड पहुंच चुकी है और अब उसे केदारनाथ मंदिर तक ले जाया जाना है. किसी भी तरह की आपदा की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन भी मुस्तैद है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल यानी एनडीआरएफ के साथ ही राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवान भी केदार घाटी पहुंच चुके हैं.

केदारनाथ धाम में हो रही बर्फबारी

बाबा केदार के धाम में लगातार बर्फबारी हो रही है और मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है. इसके बावजूद श्रद्धालुओं के जोश में कोई कमी नजर नहीं आ रही है. केदारनाथ में बर्फ हटाने का काम जोर-शोर से चल‌ रहा है जिससे महादेव का दर्शन करने केदार घाटी आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की मुश्किल का सामना न करना पड़े. ‌चारधाम की यात्रा को लेकर पंडित मोहन गौड़ कहते हैं कि इस यात्रा से न सिर्फ मोक्ष की प्राप्ति होती है बल्कि जीवन सफल हो जाता है. आचार्य मोहन कहते हैं कि इस तरह की धार्मिक यात्रा में सात्विकता का पालन जरूर करना चाहिए और नियम-परंपरा के मुताबिक ही यात्रा पूरी करें.

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यात्रा की शुरुआत से पहले हादसे में गई अधिकारी की जान

चारधाम यात्रा की शुरुआत से पहले ही केदारनाथ मंदिर के पास बने हेलीपैड पर एक हादसा हो गया. हेलीकॉप्टर के पंखे की चपेट में आने से एक एविएशन अधिकारी की जान चली गई. कुछ महीने पहले भी केदारनाथ के पास एक एविएशन कंपनी का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी.

आधुनिक तकनीक से रखी जा रही मौसम पर नजर

केदारघाटी में मौसम भी पल-पल बदलता है और ऐसे में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए एविएशन कंपनियां भी इस बार अतिरिक्त सतर्कता बरत रही हैं. एविएशन कंपनी के मैनेजर रेकी गुर्जर बताते हैं कि इस बार डीजीसीए के दिशानर्देशों के मुताबिक मौसम पर नजर रखने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.

उन्होंने ये भी कहा कि हर एविएशन कंपनी को अलग-अलग स्लॉट दिए जाएंगे जिसमें एक घंटे के भीतर एक हेलीकॉप्टर तीन बार उड़ान भर पाएगा ऐसे में यात्रियों की वजन क्षमता अनुसार मौसम को देखते हुए हेलीकॉप्टर की राइड तय की जाएगी. एविएशन कंपनी के मैनेजर बताते हैं कि हेलीकॉप्टर सेवा 25 अप्रैल से शुरू होनी थी लेकिन 23 तारीख को हुई दुर्घटना के चलते इसमें विलंब हो सकता है.

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(आजतक ब्यूरो)

 

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