उत्तराखंड में इस साल 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है, लेकिन इस बार यात्रा से पहले ही विवाद खड़ा हो गया है. केदारनाथ और बद्रीनाथ में पंडा समाज और तीर्थ पुरोहित समाज ने मंदिर परिसरों में रील बनाने और यूट्यूब कंटेंट शूट करने वालों की एंट्री पर रोक लगाने की मांग की है. उनका कहना है कि इससे अव्यवस्था फैलती है और श्रद्धालुओं को दर्शन करने में दिक्कत होती है.
बद्रीनाथ चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के महासचिव डॉ. विजेश सती का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में रील और यूट्यूब बनाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है, जिससे मंदिर परिसर में भीड़ और अव्यवस्था फैलती है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे लोगों को रोका जाए और पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई की जाए.
मंदिर परिसर में मोबाइल पर प्रतिबंध की मांग
तीर्थ पुरोहित समाज और स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर परिसर के आसपास मोबाइल के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए. कुछ लोगों ने तो यह भी सुझाव दिया है कि मंदिर के करीब जाने वाले लोगों के मोबाइल जमा किए जाएं और दर्शन के बाद वापस लौटने पर उन्हें दिए जाएं. स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर परिसर के भीतर यूट्यूबर्स और रील मेकर्स की भीड़ लगी रहती है, जिससे तीर्थयात्रियों को भगवान बद्री विशाल और बाबा केदार के दर्शन करने में कठिनाई होती है.
VIP मूवमेंट पर भी उठे सवाल
यात्रा के दौरान VIP मूवमेंट को भी कम करने की मांग उठाई जा रही है. तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय लोगों का कहना है कि VIP श्रद्धालुओं के लिए अलग व्यवस्था करने से आम यात्रियों को लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ता है. इससे यात्रा का अनुभव प्रभावित होता है.
इस मांग को लेकर प्रशासन पर भी दबाव बढ़ रहा है. तीर्थ पुरोहितों ने पर्यटन सचिव से रील बनाने वालों पर रोक लगाने की अपील की है. देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और यात्रा के दौरान किस तरह की नई गाइडलाइंस जारी की जाती हैं.