उत्तराखंड में भारी बारिश और टिहरी जिले में सिलसिलेवार बादल फटने से शनिवार को जहां चारधाम की यात्रा बाधित होने की खबरें आईं, वहीं रविवार को अधिकारियों ने बताया कि यात्रा आधिकारिक तौर पर रोकी नहीं गई है. बारिश के कारण जगह-जगह मार्ग पर मलबा आने की वजह से कई स्थानों पर रोक रोककर यात्रा दोबारा सुचरू की जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, अभी तक सबसे ज्यादा खराब स्थिति टिहरी जिले की है. यहां से निकलने वाले यात्रा मार्ग को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. टिहरी के घनसाली ब्लॉक क्षेत्र में शनिवार को 11 जगह बादल फटने की घटना हुई थी. इस कारण टिहरी और उत्तरकाशी में छह लोगों की मौत हो गई. बलगाना घाटी में आधे दर्जन से ज्यादा गांवों में सैकड़ों घर क्षतिग्रस्त हो गए. केदारनाथ जा रहे सैकड़ों यात्री लांबगांव, कोटलगांव और चमियाला में फंस गए.
सोमवार तक 6 से 9 सेमी बारिश की संभावना
बताया जाता है कि मौसम की मार के कारण सड़क लगभग 15 से ज्यादा जगहों से टूट गई है. एक जगह तो 20 मीटर सड़क का हिस्सा ही पानी में बह गया है. मौसम विभाग ने सोमवार तक कुमाऊं और गढ़वाल दोनों ही क्षेत्रों में 6 से 9 सेमी बारिश होने की संभावना जताई है. यात्रा मार्ग पर बारिश होने के समय यात्रा को रोके जाने की अपील भी मौसम विभाग ने की है.
मलबे में दब गए करीब एक सौ जानवर
घनसाली के थाना प्रभारी पवन कुमार ने बताया कि शनिवार को 15 वर्षीय विपुल बादल फटने के बाद आई बाढ़ में बह गया. प्रभारी जिलाधिकारी अहमद इकबाल ने कहा, 'घनसाली के एसडीएम विनोद कुमार के साथ पुलिसकर्मियों की एक टीम को प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति का जायजा लेने पहुंची है.' बादल फटने की घटना शनिवार करीब तीन बजे कोठियारा गांव में हुई, जिससे करीब 50 घर मलबे में तब्दील हो गए. मलबे में करीब सौ जानवर भी दब गए.