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उत्तराखंड में जल्द शुरू होगा वर्चुअल थाना, घर बैठे ही दर्ज हो जाएगी FIR, नहीं लगाने पड़ेंगे थाने के चक्कर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ई-एफआईआर सुविधा के संबंध में गृह और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. सीएम को ई-एफआईआर पोर्टल का प्रेजेंटेशन दिया गया. बैठक में सीएम ने पुलिस प्रशिक्षण, आधुनिकीकरण और पुलिस सुधार से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर बैठक करने के निर्देश दिए.

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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गृह और पुलिस विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की (ANI)
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गृह और पुलिस विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की (ANI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सीएम धामी ने अफसरों के साथ की बैठक, प्रेजेंटेशन देखा
  • देवभूमि मोबाइल एप से जोड़ जाएगा ई-एफआईआर पोर्टल

उत्तराखंड में लोगों को अब एफआईआर दर्ज करने के लिए थाने के चक्कर नहीं लगाने होंगे. यहां जल्द ही ई-एफआईआर की सुविधा शुरू होने वाली है यानी अब घर बैठे ही एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी. हालांकि शुरुआत में वाहन चोरी और सामान खोने की शिकायत ऑनलाइन दर्ज करवाई जा सकेगी.

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इस संबंध में अभी अधिसूचना जारी की जानी है. ई-एफआईआर में वर्चुअल थाना भी बनाया जाएगा. जो भी ई-एफआईआर की जाएगी, वह इस वर्चुअल थाने में जाएगी. ई-एफआईआर पोर्टल को देवभूमि मोबाइल एप से भी जोड़ा जाएगा.

सीएम धामी ने देखा प्रेजेंटेशन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ई-एफआईआर सुविधा की शुरुआत करने के संबंध में गृह और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. सीएम को ई-एफआईआर पोर्टल का प्रेजेंटेशन भी दिया गया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि सरकार का मूल मंत्र है. सिस्टम ऐसा चाहिए जिससे जनता सरलतम तरीके से अपनी शिकायतों का समाधान करा सके. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-एफआईआर से आम जन को बहुत सुविधा होगी. व्यक्ति को एफआईआर दर्ज कराने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. ई-एफआईआर की उच्चाधिकारी नियमित रूप से समीक्षा करेंगे.

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झूठी FIR रोकने पर सुझाव देगी कमेटी

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिसिंग में आधुनिक तकनीक का उपयोग बढ़ाए जाने की जरूरत है. ड्रोन टेक्नोलॉजी का भी उपयोग किया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रशिक्षण, आधुनिकीकरण और पुलिस सुधार से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर बैठक करने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि झूठी एफआईआर को रोकने के लिए जरूरी प्राविधान किए जाने की जरूरत है. इस संबंध में सुझाव देने के लिए एक समिति बनाई जाए.

 

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