उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सुरक्षा में चूक मामले में नेहरू कॉलोनी प्रभारी निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है. धामी इगास पर्व के मौके पर दून विश्विद्यालय परिसर केदारपुरम में आयोजित कार्यक्रम में जा रहे थे. लेकिन दून विश्व विद्यालय चौक पर फ्लीट दूसरे रास्ते पर चली गई. रास्ता भटकने की वजह से फ्लीट को वापस मोड़ना पड़ा था.
सीएम की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा थाना नेहरू कॉलोनी प्रभारी निरीक्षक मुकेश त्यागी संभाल रहे थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कप्तान दलीप सिंह कुंवर द्वारा आदेश जारी करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया है.
क्या है इगास पर्व जिसमें जा रहे थे सीएम
इगास पर्व को लेकर कई मान्यताएं हैं. कई क्षेत्रों में माना जाता है कि 14 वर्ष के वनवास से भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने की सूचना 11 दिन बाद मिली थी. इस वजह से दिवाली के 11वें दिन यह पर्व मनाया जाता है. कुछ स्थानों पर मान्यता है कि वीर माधो सिंह भंडारी तिब्बत युद्ध पर गए थे. जोकि दिवाली तक लौटे ही नहीं. ऐसे में इस क्षेत्र में दिवाली नहीं मनाई गई. वीर माधो सिंह भंडारी दिवाली के 11वें दिन युद्ध जीतकर लौटे तो खुशी में धूमधाम से दिवाली मनाई गई.
सीधे मुख्यमंत्री बने थे पुष्कर सिंह धामी
पुष्कर सिंह धामी एक गैर राजनीतिक परिवार से आते हैं. इनके पिता सेना में सूबेदार थे. पिथौरागढ़ के कनालीछिना में साल 1975 में जन्में धामी लॉ की डिग्री लेने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़े रहे धामी साल 2002 से 2008 के बीच दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष भी रहे. धामी मुख्यमंत्री बनने से पहले कभी मंत्री भी नहीं रहे थे.
उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री
पुष्कर सिंह धामी के नाम एक और अनोखा रिकॉर्ड है. पुष्कर सिंह धामी 45 साल की उम्र में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने थे. वे उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री भी हैं. हालांकि, धामी को बतौर मुख्यमंत्री मात्र छह महीने का ही समय मिला था कि चुनाव हो गए. बीजेपी ने सूबे में सीएम धामी के युवा चेहरे, युवा नेतृत्व में चुनाव लड़ा और जीतकर दोबारा सत्ता में वापसी कर राज्य गठन के बाद हर चुनाव में सरकार बदलने के ट्रेंड को भी तोड़ दिया.