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उत्तराखंड: 9 बागियों से निपटने के लिए कांग्रेस के 4 लाइफलाइन

सीएम हरीश रावत इस बात के संकेत पहले ही दे चुके हैं कि बागी विधायकों में से छह उनके संपर्क में हैं और बीजेपी के कुछ विधायक भी उनके साथ आ सकते हैं.

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उत्तराखंड की रावत सरकार, 9 बागी विधायक और मंडराता संकट. साख बचाने के लिए 7 दिन और उपाय....?

जिस तरह कांग्रेस के 9 विधायक अपनी ही सरकार से बागी हुए और बीजेपी उन्हें अपनी ओर मिलाने की जुगत में है उससे ऐसा लगता है कि राज्य का राजनीतिक संकट जल्द सुलझेगा नहीं. हालांकि, सीएम हरीश रावत और कांग्रेस के पास कुछ ऐसे विकल्प हैं, जिनसे न सिर्फ सत्ता बची रह सकती है, बल्कि बीजेपी को करारा जवाब भी दिया जा सकता है.

सीएम हरीश रावत इस बात के संकेत पहले ही दे चुके हैं कि बागी विधायकों में से छह उनके संपर्क में हैं और बीजेपी के कुछ विधायक भी उनके साथ आ सकते हैं. ऐसे में रूठों को मनाने के लिए रावत ये तरीके अपना सकते हैं-

1. मंडी समिति अध्यक्ष: हरीश रावत सरकार ने पार्टी से बगावत करने वाले हरक सिंह रावत के छह करीबियों को अध्यक्ष पद से हटा दिया. कांग्रेस बागी विधायकों के करीबियों को इन पदों पर बैठाने का वादा कर कम से कम छह को तो रोक ही सकती है.

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2. कैबिनेट मंत्री: हरीश रावत सरकार में बागियों को कैबिनेट में जगह देने का वादा करके भी रोक सकती है. कैबिनेट में दो जगह बनने की संभावनाएं अभी हैं और हरीश रावत ये दांव खेलकर सरकार बचा सकते हैं.

3. राज्यसभा का रास्ता: कांग्रेस चाहे तो रूठे विधायकों में से एक को राज्यसभा के लिए भी राजी कर सकती है. ऐसे में अभी सरकार के सामने का संकट टल जाएगा.

और फिर...मरता क्या न करता...
4. सदस्यता खत्म करना: सरकार बचाए रखने के लिए कांग्रेस आखिरी कदम उठाए और बागियों की सदस्यता खत्म कर दे. ऐसे में बागियों के पास आखिरी रास्ता कोर्ट का बचेगा और तब तक सरकार चलती रहेगी. और बाद में चुनाव का विकल्प.

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