उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत ने कहा है कि प्रदेश में लोकतंत्र की हत्या के बाद भी उनके पास बहुमत है. रावत ने सोमवार को राज्यपाल के के पॉल से मुलाकात के बाद यह दावा किया. उन्होंने कहा कि हमने राज्यपाल को दो ज्ञापन दिए हैं. इनमें अपने बहुमत के अलावा विनियोग बिल को विधि के मुताबिक सदन में पास किए जाने की बात कही गई है.
रावत ने कहा कि उन्होंने सदन में बिल पर बहस के दिन मौजूद सभी विधायकों के दस्तखत किए हुए कागजात की कॉपी भी राज्यपाल को सौंपी है. इसके पहले उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के बाद हरीश रावत 34 विधायकों के साथ राज्यपाल केके पॉल से मिलने पहुंचे थे. इसके साथ ही कांग्रेस ने हाई कोर्ट में भी याचिका दायर करके आपत्ति दर्ज कराई है. मामले की सुनवाई जस्टिस यू.सी. ध्यानी की सिंगल बेंच कर रही है.
Harish Rawat along with Congress MLAs arrive to meet Governor KK Paul at Raj Bhawan in Dehradun pic.twitter.com/H4EkFJdHKn
— ANI (@ANI_news) March 28, 2016
'राष्ट्रपति शासन का सबसे खराब उदाहरण'
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बिहार में रामेस्वर नाथ और कर्नाटक में एसआर मुम्बई केस का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठों के आदेश हैं. सदन में ही बहुमत का फैसला होना चाहिए. सिंघवी ने कहा कि रावत सरकार गिराने और बागियों को बचाने की मंशा पूरी करने को धारा 356 का दुरुपयोग किया गया. राज्यपाल केके पॉल ने 28 मार्च तक का समय दिया था. लोकतांत्रिक सरकार को रुलिंग के विपरीत बहुमत साबित करने का मौका नहीं दिया गया. बागी विधायकों की सदस्यता खत्म होने के बाद विधान सभा सदस्यों की संख्या 61 ही रह गई. इस कारण कांग्रेस सरकार का बहुमत साबित होना तय था. यह राष्ट्रपति शासन का सबसे खराब उदाहरण है.
सिंघवी ने कहा कि केंद्र ने शक्तियों का दुरुपयोग किया है. कांग्रेस के बागी विधायकों की बर्खास्तगी को सही ठहराते हुए सिंघवी ने तर्क दिया कि बागियों ने स्वेच्छा से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्यता छोड़ी है.
मंगलवार को भी जारी रहेगी सुनवाई
उधर, केंद्र की ओर से ASG राकेश थपलियाल भी कोर्ट में मौजूद हैं. वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सवा दो घंटे की लंबी पैरवी की. जस्टिस यू.सी. ध्यानी की एकलपीठ में मंगलवार को भी सुनवाई जारी रहेगी. अतिरिक्त सालिसिटर जनरल तुषार मेहता मंगलवार को केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में दलील पेश करेंगे.
'आज भी बहुमत साबित कर सकते हैं'
कांग्रेस विधायक हेमेश खरकवाल ने राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को गलत ठहराया और कहा कि पार्टी आज भी बहुमत साबित कर सकती है. उन्होंने कहा, 'हम आज भी बहुमत साबित कर सकते हैं, यही वजह है कि बीजेपी घबराई हुई है.'
Even today we can prove full majority,this is what the BJP feared-Hemesh Kharkwal,Congress MLA #UttarakhandCrisis pic.twitter.com/1RFFHhg95D
— ANI (@ANI_news) March 28, 2016
बता दें कि उत्तराखंड में बीते हफ्ते से जारी राजनीतिक संकट के बीच रविवार को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया. केंद्र सरकार ने यह फैसला राज्यपाल केके पॉल की रिपोर्ट के बाद लिया.
साबित करना था बहुमत
राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत को सोमवार को विधानसभा में बहुमत साबित करना था. इससे पहले ही प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. रावत ने सोमवार को कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई. जिसके बाद उन्होंने राज्यपाल केके पॉल से मिलने का फैसला लिया.
#UttarakhandCrisis: Harish Rawat calls a meeting of #Uttarakhand Congress MLAs
— ANI (@ANI_news) March 28, 2016
PM मोदी ने बुलाई थी आपात बैठक
केंद्र सरकार को विधायकों के बगावत से पैदा राज्य की हालिया स्थिति के बारे में राज्यपाल के के पॉल से रिपोर्ट मिलने के बाद शनिवार को असम से लौटकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई थी. करीब डेढ़ घंटे चली इस बैठक में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने समेत केंद्र के सामने उपलब्ध विभिन्न विकल्पों पर विचार किया गया था.