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रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने शहीद की मां के छुए पैर, बोलीं- किसी भी समय फोन करें

जब एक शहीद सिपाही की मां रक्षा मंत्री का स्वागत करने पहुंची और नमस्कार करने लगीं तो सीतारमण ने उनके हाथ पकड़ लिए. इसके बाद रक्षा मंत्री ने खुद झुककर दोनों हाथों से शहीद की मां के पैर छुए और आशीर्वाद लिया.

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रक्षामंत्री ने छुए पैर (फोटो-ANI)
रक्षामंत्री ने छुए पैर (फोटो-ANI)

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पूरे देश में देशभक्ति का ज्वार इस समय लोगों की रगों में उमड़ कर दौड़ रहा है. पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की एयर स्ट्राइक ने दुश्मन देश की रातों की नींद खराब कर दी है. इस एयर स्ट्राइक के दौरान भारत के विंग कमांडर अभिनंदन ने जो साहस का परिचय दिया वो किसी से छुपा नहीं है. ऐसे ही वक्त में देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को देहरादून में एक वीर शहीद की मां के पैर छूकर देश के वीर जांबाज शहीदों को मानो दिली श्रद्धांजलि देने का काम किया है.

रक्षा मंत्री सीतारमण ने शहीदों के शौर्य सम्मान समारोह में पहुंचकर सबसे पहले अमर शहीद स्मृति चिन्ह को नमन किया. इस मौके पर शहीदों के परिवार भी वहां मौजूद थे. इस दौरान जब एक शहीद सिपाही की मां रक्षा मंत्री का स्वागत करने पहुंचीं और नमस्कार करने लगीं तो सीतारमण ने उनके हाथ पकड़ लिए. इसके बाद रक्षा मंत्री ने खुद झुककर दोनों हाथों से शहीद की मां के पैर छुए और आशीर्वाद लिया. रक्षा मंत्री के इस तरह शहीद की मां का सम्मान किया जिसे देखकर लोगों ने तालियों से उनका अभिनंदन किया. बता दें कि रक्षा मंत्री ने मंच पर फौज के सिपाही शहीद अजीत प्रधान की माता जी हेम कुमारी प्रधान के चरण स्पर्श किए.

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गौरतलब है कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन (OROP) के लागू होने के तीन वर्ष पूरे होने पर इस साल उसकी समीक्षा की जाएगी और अगर कहीं कोई कमी पाई गई तो उसे दूर किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि अभी तक ओआरओपी के तहत 35 हजार करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं, अंतरिम बजट में प्रति वर्ष आठ हजार करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान भी किया गया है.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि उत्तराखंड के शहीदों की पत्नियों और माताओं से मिलकर उन्हें सदैव प्रेरणा मिलती है. उन्होंने कहा कि सैनिक हर परिस्थिति में देश के लिए खड़े होते हैं. साथ ही सर्जिकल स्ट्राइक पर विपक्ष के सवालों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि गुमराह करने वाले लोगों की बातों में जनता ना आए. रक्षा मंत्री ने सभी फौजी परिवारों से साफ-तौर पर कहा कि किसी भी समस्या के लिए सैनिक चाहें तो सीधे उनसे फ़ोन पर बात कर सकते हैं. इसके लिए ना ही उन्हें किसी अपॉइंटमेंट की जरूरत है और ना ही किसी तरह से झिझकने की जरूरत है.

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