उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 150 से अधिक मंदिरों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध वाले बैनर लगाए गए. ये बैनर दक्षिणपंथी संगठन हिंदू युवा वाहिनी द्वारा लगाए गए. उत्तराखंड के और भी मंदिरों में ऐसे बैनर लगाने की योजना है.
बता दें कि देहरादून में 150 से अधिक मंदिरों में यह कहते हुए बैनर लगाए गए हैं कि परिसर में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध है. बैनरों को हिंदू युवा वाहिनी संगठन द्वारा लगाया गया है. अभी चकराता रोड, सुद्दोवाला और प्रेमनगर में स्थित मंदिरों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध वाले बैनर लगाए गए हैं .
फिलहाल पुलिस भी इस मामले पर बोलने से बच रही है. हालांकि, पुलिस के द्वारा इन पोस्टरों को हटाने का काम किया जा रहा है. वहीं हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि अगर कोई गैर हिंदू मंदिर परिसर में प्रवेश करेगा तो उसकी पिटाई की जाएगी. पिटाई के बाद उसको पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा.
Uttarakhand | A banner was put up outside temple in Ghanta Ghar, Dehradun stating that 'Entry of non-Hindus impermissible here'. Temple authorities denied knowing about it. Banner removed, case registered under Sec 153A against person whose no. was on banner: Kotwali Police pic.twitter.com/3aK1uaSiDS
— ANI (@ANI) March 21, 2021
राजधानी देहरादून के कई मंदिरों में हिंदू युवा वाहिनी के द्वारा पोस्टर लगाये गए हैं, जिनमें साफ तौर पर लिखा गया है कि मंदिर परिसर में गैर-हिंदू का प्रवेश वर्जित है. इन पोस्टरों के लगने के बाद अब युवा हिंदू युवा वाहिनी ने पूरे उत्तराखंड के मंदिरों में ऐसे पोस्टर लगाने की बात कही है. उनका कहना है कि मंदिर सनातन धर्म के लोगों की आस्था और श्रद्धा का स्थान है, यहां अन्य धर्मों के लोगों का क्या काम. हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद वाधवा ने कहा कि ये धर्म की रक्षा के लिए किया जा रहा है.
उधर, कांग्रेस ने इन पोस्टरों को सीधे सरकार की सोची समझी रणनीति करार दिया. कांग्रेस ने कहा है कि चार साल में सरकार कुछ नहीं कर पाई तो अब अपनी खामियां छुपाने के लिये कभी राम तो कभी जींस को संस्कार से जोड़कर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है. सरकार चुनाव आते आते अब राम, हिंदू-मुस्लिम, भारत-पाकिस्तान करने लग जाती है.