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देहरादूनः नाबालिग से गैंगरेप केस में सियासत तेज, पुलिस ने किए ये खुलासे

एसएसपी ने बताया कि घटनास्थल की जानकारी स्पष्ट नहीं है, लेकिन पीड़िता ने खुलासा किया कि 5 लोगों ने एक-एक कर उसके साथ गलत काम किया था. एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि मुख्य आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने दिल्ली के कश्मीरी गेट पर पीड़िता को घूमते देखा और कहा कि बस बैठ जाओ. हालांकि पुलिस इस मामले में कोई भी कॉन्स्पिरेसी को नकार रही है. आगे की जांच के लिए अभी मेडिकल और 2 बसों की एफएसएल रिपोर्ट आना बाकी है.

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देहरादून में नाबालिग से गैंगरेप के आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है
देहरादून में नाबालिग से गैंगरेप के आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है

कोलकाता रेप केस को लेकर पूरे देश में उबाल है, शहर-शहर प्रदर्शन हो रहे हैं. वहीं, देहरादून के आईएसबीटी बस स्टैंड पर 12-13 अगस्त की दरमियानी रात एक नाबालिग से दुष्कर्म की घटना ने आज हड़कंप मचा दिया. आज सुबह आनन-फानन में एसएसपी की अगुवाई में पुलिस की कई टीमें मामले की पड़ताल के लिए आईएसबीटी पहुंचीं. चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की ओर से 17 अगस्त को दी गई तहरीर के बाद पुलिस ने पटेल नगर थाने में मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी. पीड़िता मुरादाबाद की रहने वाली है. उसकी मानसिक स्थिति भी खराब बताई जा रही है. 

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इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिस बस में इस घिनौनी घटना को अंजाम दिया गया, उसे एफएसएल भेजा गया है. इसके साथ ही एक और बस को भी FSL के लिए भेजा है. नाबालिग का मेडिकल कराया गया है, जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है.

क्या है पूरा मामला?

देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि 1:30 से 2 बजे के बीच एक गार्ड ने एक नाबालिग को देहरादून ISBT के प्लेटफार्म नम्बर पर एक पर मैगी की दुकान पर बैठे हुए देखा था. एक व्यक्ति उससे बातचीत कर रहा था. गार्ड ने 1098 पर कॉल की, लेकिन नाबालिग अपना नाम नहीं बता रही थी और केवल यह बता रही थी कि वह पटियाला से है. पीड़िता ने ये भी कहा कि उसके माता-पिता नहीं हैं. हमें बताया गया कि वह मानसिक रूप से परेशान लग रही थी.

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एसएसपी ने बताया कि 3:30 बजे तक पूरी प्रक्रिया के दौरान पीड़िता ने कोई अप्रिय घटना की जानकारी नहीं दी. उसने अपने भाई या परिवार के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. 14 अगस्त को भी उसने कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन 16 अगस्त को काउंसिलिंग के दौरान उसने बताया कि वह मुरादाबाद की रहने वाली है, दिल्ली गई थी और फिर दिल्ली से देहरादून पहुंची.

एसएसपी ने बताया कि घटनास्थल की जानकारी स्पष्ट नहीं है, लेकिन पीड़िता ने खुलासा किया कि 5 लोगों ने एक-एक कर उसके साथ गलत काम किया था. एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि मुख्य आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने दिल्ली के कश्मीरी गेट पर पीड़िता को घूमते देखा और कहा कि बस बैठ जाओ. हालांकि पुलिस इस मामले में कोई भी कॉन्स्पिरेसी को नकार रही है. आगे की जांच के लिए अभी मेडिकल और 2 बसों की एफएसएल रिपोर्ट आना बाकी है.
  
एसएसपी ने कहा कि इस मामले में भगवानपुर वाला एक ड्राइवर मुख्य आरोपी है, जिसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले में 1 और ड्राइवर, क्लीनर, सफाई कर्मचारी, और एक कैशियर शामिल है. इन सभी 5 आरोपियों की पहचान कर ली गई है. सभी 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. सभी आरोपी माजरा, बुग्गावाला, और भगवानपुर के रहने वाले हैं. एसएसपी के अनुसार मुरादाबाद जिले के एक गांव के प्रधान ने पीड़ित की पहचान की और बताया कि पीड़िता अक्सर घर से चली जाती थी. पीड़ित मानसिक रूप से कमज़ोर प्रतीत होती है, हालांकि मेडिकल रिपोर्ट आना बाकी है. 

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एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि हमने आईएसबीटी की जांच की है, जहां सुरक्षा पर्याप्त है. तभी एक गार्ड ने पीड़िता के बारे में चाइल्ड वेलफेयर समिति को सूचना दी. पुलिस पर उठ रहे सवालों के बारे में उन्होंने कहा कि पीड़ित ने किसी को कुछ नहीं बताया था और आईएसबीटी चौकी पर पर्याप्त नफरी हैं, लेकिन आईएसबीटी के अलावा क्षेत्र काफी बड़ा है, हमने सभी 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

आरोपियों के खिलाफ BNS की धारा 70(2) और पोस्को अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस ने इस मामले में धर्मेंद्र कुमार, देवेंद्र, रवि कुमार, राजपाल और राजेश कुमार को गिरफ्तार किया है. पांचों आरोपियों की उम्र 32 साल से 57 साल के बीच है.

कहां मिली थी पीड़ित बच्ची? 

आजतक से बातचीत में बाल कल्याण समिति की आईएसबीटी सुपरवाइज़र सरोजिनी ने बताया कि 13 अगस्त की रात करीब 2 से 2:30 के बीच एक बच्ची बदहवास स्थिति में मिली थी. बच्ची की मानसिक स्थिति ठीक नहीं लग रही थी. वो खुद को पंजाब से बता रही थी. बॉडी पर कोई चोट या ब्लीडिंग नहीं दिखी. अगर कोई अंदरूनी चोट तो हम कह नहीं सकते. हमने बाद में पीड़िता को CWC (Child Welfare Centre) भेज दिया था. 

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कांग्रेस ने किया बीजेपी पर हमला

इस घटना को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता सुजाता पॉल ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कोलकाता की घटना के बाद देहरादून की घटना ने हिला दिया है. बताया जा रहा है कि 3 दिन की काउंसलिंग के बाद पीड़िता ने बताया कि उसके साथ दरिंदगी हुई थी. बताया जा रहा है कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी तो इसका मतलब क्या कोई दरिंदगी करेगा? सुरक्षा व्यवस्था कहां है? उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में ऐसा मामला हुआ है, जिसे हम सबसे सुरक्षित मानते हैं, तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है?

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