महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ मंगलवार को चुनाव आयोग ने 15 राज्यों में होने वाले उपचुनाव का भी ऐलान कर दिया. इसमें उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट भी शामिल है. केदारनाथ सीट जुलाई 2024 में शैला रावत की मृत्यु के बाद खाली हो गई थी. इस सीट से वो भाजपा की टिकट पर 2022 में चुनाव जीत कर आईं थीं.
इससे पहले उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट से शैला रावत 2012 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ी थीं और जीत हासिल की थी. हालांकि राज्य में हुए 2017 के विधानसभा इलेक्शन में वो हार गईं थीं. इसके बाद साल 2022 में एक बार फिर वो मतदाताओं का भरोसा जीतने में कामयाब रहीं. लेकिन इस बार वे बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ीं थीं.
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 29 अक्टूबर
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे के अनुसार उपचुनाव की अधिसूचना 22 अक्टूबर को जारी होगी और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 29 अक्टूबर होगी. मतगणना 23 नवंबर को होगी. चुनाव की घोषणा के साथ ही जिले में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है और ये 25 नवंबर तक प्रभावी रहेगी.
बीजेपी ने किया जीत का दावा
उपचुनाव की तारीख की घोषणा का स्वागत करते हुए, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने विश्वास जताया कि पार्टी केदारनाथ में हरियाणा और जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर अपने शानदार चुनावी प्रदर्शन को दोहराएगी. उन्होंने ने कहा कि हरियाणा और जम्मू- कश्मीर की तरह यहां की जनता भी कांग्रेस के झूठे गुब्बारे की हवा निकालेगी.
महेंद्र भट्ट ने दावा किया कि भाजपा केदारनाथ सीट को रिकॉर्ड वोटों से जीतेगी. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में डबल इंजन सरकार ने शानदार काम किया है. जिसकी बदौलत यहां की जनता भाजपा को बहुत बड़े अंतर से चुनाव जिताएगी. उन्होंने आगे कहा कि कैडर आधारित पार्टी होने के नाते, भाजपा कार्यकर्ता हमेशा लोगों के बीच में रहते हैं.
केदारनाथ सीट रुद्रप्रयाग जिले के अंतर्गत आती है और ये पौरी गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. जिस पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है और यहां से अनिल बलूनी सांसद हैं.