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बार-बार उत्तराखंड में क्यों हो रही कुदरती तबाही, जानिए किन खतरों को लेकर चेता रहे एक्सपर्ट?

बारिश से केरल और उत्तराखंड में तबाही मची हुई है. यहां कई लोगों ने बारिश और लैंडस्लाइड से जुड़ी घटनाओं में अपनी जान गंवा दी है. विशेषज्ञों का मानना है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बनने वाले चक्रवाती तूफानों का संगम पिछले कुछ दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के अहम कारणों में से एक है. 

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उत्ताखंड में बाढ़ और बारिश से जुड़ी घटनाओं में 47 की मौत (फोटो- पीटीआई)
उत्ताखंड में बाढ़ और बारिश से जुड़ी घटनाओं में 47 की मौत (फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश जारी
  • एक्सपर्ट ने कहा- क्लाइमेट इमरजेंसी की ओर ध्यान देने की जरूरत
  • बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बनने वाले तूफान बारिश की वजह

भारत के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है. यहां तक कि बारिश से केरल और उत्तराखंड में तबाही मची हुई है. यहां कई लोगों ने बारिश और लैंडस्लाइड से जुड़ी घटनाओं में अपनी जान गंवा दी है. विशेषज्ञों का मानना है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बनने वाले चक्रवाती तूफानों का संगम पिछले कुछ दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के अहम कारणों में से एक है. 

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वहीं, क्लाइमेट एक्सपर्ट ने भी चेतावनी दी है कि केरल और उत्तराखंड में बारिश की तीव्रता संकेत है, 'क्लाइमेट इमरजेंसी' की ओर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है. केरल में बारिश की मौजूदा स्थिति एक सामान्य क्लाइमेट घटना का परिणाम है. यह हर साल होती है. हालांकि, उत्तराखंड में बारिश की तीव्रता खतरनाक है और जलवायु आपातकाल की गंभीरता पर हमारा ध्यान आकर्षित करना चाहिए. 

क्या कहते हैं विशेषज्ञ? 

इंटीग्रेटेड हेल्थ एंड वेलबीइंग काउंसिल के सीईओ कमल नारायण ने कहा, हमने पिछले कुछ सालों में प्रतिकूल जलवायु घटनाओं की संख्या में लगातार वृद्धि देखी है. मेरा मानना है कि यही समय है कि भारत इन घटनाओं को देखते हुए ठोस कदम उठाए. ग्रीनपीस इंडिया से जुड़े जलवायु प्रचारक इश्तियाक अहमद ने कहा, ये बारिश पूर्व और पश्चिम के चक्रवाती तूफानों का परिणाम थी और इससे भारी पर्यावरणीय नुकसान हो सकता है और देश की खाद्य सुरक्षा पटरी से उतर सकती है. 

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अहमद ने कहा, बढ़ते समुद्री तापमान कमजोर चक्रवातों को मजबूत कर सकते हैं और उन्हें अपेक्षा से अधिक घातक बना सकते हैं. पिछले कुछ दिनों से बंगाल की खाड़ी के साथ-साथ अरब सागर में भी चक्रवाती तूफान लगातार बन रहे हैं. उन्होंने कहा, इस तरह के पूर्वी और पश्चिमी तूफानों का संगम देश के विभिन्न हिस्सों में विनाशकारी बारिश के सबसे बड़ी वजहों में से एक है. उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में इस तरह की मौसम से संबंधित भीषण घटनाएं हो सकती हैं. 

'क्लाइमेट स्मार्ट' होने की जरूरत

आईआईटी भुवनेश्वर में सहायक प्रोफेसर वी विनोज ने कहा, राज्यों और देश को समग्र रूप से ' क्लाइमेट स्मार्ट' होने की जरूरत है. उन्होंने कहा, जलवायु संकट से बेहतर तरीके से निपटने के लिए स्पेसिफिक वार्निंग सिस्टम होना चाहिए. उन्होंने कहा, इन उपायों को उठाकर ऐसी स्थितियों में जीवन और संपत्ति पर पड़ने वाले प्रभाव को कम किया जा सकता है.  

उत्तराखंड-केरल में बारिश से मची तबाही 

उत्तराखंड में बारिश से जुड़ीं घटनाओं और लैंडस्लाइड में 47 लोगों की मौत हो चुकी है. कई लोग लापता बताए जा रहे हैं. नैनीताल का संपर्क बाकी राज्य से कट गया है. लैंडस्लाइड के चलते शहर के सभी तरफ के बाहरी रोड बंद हैं. इसके अलावा बिजली, इंटरनेट और टेलीकोम बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. 

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उधर, केरल में बारिश से जुड़ीं घटनाओं में 27 लोगों की मौत हो चुकी है. यहां तक कि राज्य के 11 बांध खतरे के निशान के ऊपर बह रहे हैं. राज्य में रेड अलर्ट जारी किया गया है. 

 

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