एक किसान की बेटी ने अपनी अथक मेहनत और संकल्प के दम पर भारतीय महिला क्रिकेट टीम में जगह बना ली है. इस होनहार खिलाड़ी का नाम है स्नेह राना और वह देहरादून की रहने वाली हैं.
स्नेह को हाल ही में वनडे और ट्वेंटी 20 के लिए चुनी गई महिलाओं की टीम इंडिया में चुना गया है. स्नेह का वनडे डेब्यू श्रीलंका के खिलाफ हुआ. विशाखापट्टनम में हुए वनडे मैच में स्नेह ने बतौर बॉलर छह ओवर फेंके. जिसमें चार मेडन थे. उन्होंने 7 रन देकर एक विकेट लिया. इस मैच में उन्होंने एक कैच भी लपका. जल्द ही स्नेह टीम इंडिया के साथ श्रीलंका के दौरे पर भी जाएंगी. जो उनका पहला विदेश दौरा होगा.
स्नेह देहरादून जिले के सिनोला गांव की रहने वाली हैं. खेलों में करियर बनाने के लिए वह शुरुआती दौर में ही हरियाणा चली गईं. फिर वहां से वह पंजाब शिफ्ट हो गईं. इसकी बड़ी वजह यह है कि बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) से उत्तराखंड क्रिकेट संघ मान्यता प्राप्त नहीं है. ऐसे में इस संघ के पचरम तले खेलने पर भी स्नेह को टीम इंडिया में न तो मौका मिलता और न ही उनके प्रदर्शन की कोई मान्यता होती.
क्या मुश्किलें आईं सामने
स्नेह राना को खेल और वह भी क्रिकेट में करियर बनाने से पहले परिवार वालों को मनाने की मशक्कत करनी पड़ी. स्नेह के परिवार की माली हालत बहुत अच्छी नहीं थी. उनके पिता पेशे से किसान हैं. मगर स्नेह ने संकल्प कर लिया था कि नीली जर्सी पहनकर देश का नाम रौशन करना है. वह देहरादून में अपनी क्रिकेट अकेडमी तक पहुंचने के लिए रोज 9 किलोमीटर साइकल चलाकर जाया करती थीं. फिर मान्यता के फेर में उन्हें अपना ठिकाना बदलना पड़ा.पंजाब पहुंचने के बाद अपने प्रदर्शन के दम पर स्नेह अंडर 19 टीम की कप्तान बन गईं. घरेलू टूर्नामेंट में उनके शानदार प्रदर्शन के चलते जल्द ही सेलेक्टर्स की निगाह उन पर पड़ी.
अपने हालिया प्रदर्शन पर स्नेह का कहना है कि मैं फिलहाल अपनी बॉलिंग पर पूरी तरह फोकस कर रही हूं. स्नेह का लक्ष्य है श्रीलंका दौरे पर उम्दा प्रदर्शन, ताकि वर्ल्ड कप के लिए जब टीम इंडिया का चुनाव हो, तो उन्हें भी इसका हिस्सा बनने का मौका मिले.