उत्तराखंड के गौरीकुंड में हुए भूस्खलन के बाद सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है. अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन के बाद लापता हुए पीड़ितों के दो और शव घटना के एक सप्ताह बाद गुरुवार को बरामद किए गए हैं. भूस्खलन 3 और 4 अगस्त की मध्यरात्रि को हुआ. इस दौरान गौरीकुंड में बरसाती झरने के करीब और मंदाकिनी नदी से लगभग 50 मीटर ऊपर स्थित तीन दुकानें बह गईं. जिस समय यह भूस्खलन हुआ, उस समय मंदाकिनी नदी ऊफान पर थी.
23 लोग हो गए थे लापता
इस घटना में कम से कम 23 लोग लापता हो गए थे, जिनमें से 17 मूल रूप से नेपाल के थे. आपदा आने के कुछ घंटों बाद तीन शव बरामद किये गए थे. रुद्रप्रयाग आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने कहा कि गुरुवार को बचाव दल ने उस क्षेत्र से दो शव बरामद किए जहां भूस्खलन हुआ था. रजवार ने कहा, एक शव की पहचान वीर बहादुर के रूप में की गई, जबकि दूसरे की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है. डीएमओ ने कहा कि गुरुवार को बरामदगी के बाद त्रासदी में मरने वालों की संख्या 5 हो गई, जबकि 18 लोग अभी भी लापता हैं.
जारी है सर्च अभियान
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल, यात्रा प्रबंधन बल, पुलिस और अग्निशमन दल के कर्मी 4 अगस्त की सुबह से ही घटनास्थल और आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान में लगे हुए हैं. गौरीकुंड भूस्खलन के शेष 18 पीड़ितों का पता लगाने के लिए तलाश जारी है.
अधिकांश पीड़ित नेपाल से
अधिकांश पीड़ित नेपाल से थे. उखीमठ के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट जितेंद्र वर्मा ने कहा कि खराब मौसम और मंदाकिनी के जल स्तर में वृद्धि ने बचाव अभियान को मुश्किल बना दिया है. उन्होंने कहा कि लगातार खराब मौसम के कारण और अधिक भूस्खलन का खतरा पैदा हो रहा है, अस्थायी कियोस्क और दुकानों के मालिक सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए स्वेच्छा से जगह खाली कर रहे हैं.