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5 लोगों की मौत, 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल... जानें हल्द्वानी हिंसा में अब तक के बड़े अपडेट्स

हाई कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार दोपहर अवैध मदरसों को तोड़ने गई प्रशासन की टीम पर पथराव के बाद हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हिंसा भड़क उठी थी. भीड़ ने कई वाहनों और थाने को आग लगा दी. इसके बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया और उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए गए हैं.

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हल्द्वानी में हिंसा के बाद हालात तनावपूर्ण हैं
हल्द्वानी में हिंसा के बाद हालात तनावपूर्ण हैं

उत्तराखंड के हल्द्वानी में गुरुवार को भड़ी हिंसा में अब तक पांच लोगों की मौत हो गई है. वहीं 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. बनभूलपुरा में एक अवैध रूप से निर्मित मदरसे और उससे सटी मस्जिद को ढहाए जाने को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा ये हिंसा की गई. दंगों के दौरान उपद्रवियों द्वारा वाहनों और एक पुलिस स्टेशन में आग लगाने और पथराव करने के बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि हिंसा और पुलिस से हुई झड़पें सुनियोजित थीं. 

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डीजीपी अभिनव कुमार ने आजतक से खास बातचीत में बताया कि हिंसा सुनियोजित थी. इसमें शामिल लोगों को चिह्नित करके उन पर रासूका के तहत कार्रवाई की जाएगी. सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान की जा रही है. इस हिंसा में मौत का आंकड़ा बढ़कर पांच हो गया है. तीन लोग गंभीर रूप से घायल हैं. फिलहाल हल्द्वानी में स्थिति नियंत्रण में है. मरने वालों की पहचान की जा रही है. पोस्टमार्टम के लिए शवों को भेजा गया है. मौत के कारणों का रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा.

पीटीआई के मुताबिक अस्पताल में भर्ती होने वाले घायलों में ज्यादातर पुलिसकर्मी थे. वहीं अन्य घायलों में नगरपालिका कर्मचारी हैं, जो स्थानीय मदरसे और उसके परिसर में मस्जिद को ढहाने की प्रक्रिया में शामिल थे.

जानें अब तक के बड़े अपडेट्स-

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-पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी किया गया है. हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं और प्रशासन ने नैनीताल के सभी स्कूलों और कॉलेजों को भी बंद करने का आदेश दिया है. हिंसा बढ़ने पर हलद्वानी की सभी दुकानें बंद कर दी गईं.

-उत्तर प्रदेश में भी हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया, जबकि वाहनों की सख्त जांच के आदेश दिए गए. अधिकारियों को सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भी कहा गया है.

-एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह ने कहा कि घटना के वीडियो से पता चलता है कि पुलिस बल और प्रशासन ने किसी को उकसाया या नुकसान नहीं पहुंचाया. उन्होंने यह भी कहा कि सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की जा रही है. उन्होंने कहा, "हाईकोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण हटाया जा रहा था और लोगों को जलाने की कोशिश की गई."

-वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद मीना ने पीटीआई को बताया कि मदरसा और मस्जिद अवैध रूप से अतिक्रमण की गई सरकारी जमीन पर थे और अदालत के आदेश के अनुपालन में पुलिस और पीएसी कर्मियों की भारी उपस्थिति में ध्वस्तिकरण किया गया था.

-जैसे ही ध्वस्तिकरण शुरू हुआ, बड़ी संख्या में महिलाओं सहित नाराज निवासी कार्रवाई का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए. तनाव तब बढ़ गया जब भीड़ ने एक पुलिस गश्त कार समेत कई वाहनों में आग लगा दी. देर शाम तक बनभूलपुरा थाने में भी आग लगा दी गई. बाद में जिला मजिस्ट्रेट ने देखते ही गोली मारने का आदेश जारी कर दिया.

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-गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और डीजीपी अभिनव कुमार समेत वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर हल्द्वानी की स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने सभी से शांति बनाए रखने का आग्रह किया और अधिकारियों से "अराजक तत्वों" से सख्ती से निपटने को कहा. शुक्रवार को एक ताजा एक्स पोस्ट में मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस को दोषी पाए गए लोगों की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है.

हल्द्वानी में कब और कैसे हिंसा भड़क गई, जानिए पूरी टाइमलाइन

-दोपहर 1:30 बजेः हाई कोर्ट के आदेश से शुरू हुआ प्रकरण 

हाई कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार दोपहर 1:30-2:00 बजे एसडीएम और नगर निगम अधिकारी के साथ पुलिस टीम अवैध मदरसों को तोड़ने गई थी. अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण खाली कराने के तुरंत बाद कुछ लोगों ने पथराव कर दिया. पुलिस ने भीड़ को शांत कर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन इसके परिणामस्वरूप बड़ी भीड़ द्वारा आक्रामक पथराव किया गया. जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया. 

-शाम 5:00 बजेः दोपहर से शाम तक चलता रहा उपद्रव

जब पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो इसके परिणामस्वरूप और अधिक लोग एकत्र होकर बल पर हमला करने लगे. यह सिलसिला शाम तक चलता रहा और पुलिस बल ने भनभूलपुरा थाने में शरण ली. शाम करीब पांच बजे घायल पुलिस कर्मियों, सरकारी अधिकारियों और पत्रकारों ने बनभूलपुरा थाने में शरण ली. उपद्रवियों ने पथराव कर फायर ब्रिगेड, पुलिस वैन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया. 

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-शाम 7:00 बजे: नैनीताल से पहुंची अतिरिक्त पुलिस फोर्स

रामनगर, नैनीताल से अतिरिक्त फोर्स बनभूलपुरा थाने पहुंचने के बाद पुलिस ने फिर मोर्चा संभाल लिया. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कर्फ्यू और देखते ही गोली मारने के आदेश दिए. सूत्रों का कहना है कि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, पुलिस वैन समेत कई गाड़ियां जलकर खाक हो गईं. इसके बाद से स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन तनावपूर्ण है.

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