
उत्तराखंड के कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने मंगलवार को जनता दरबार में एक गरीब ई-रिक्शा ड्राइवर की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए उसे 10 हजार रुपये वापस दिलाए. दरअसल, तीनपानी हल्द्वानी निवासी ईश्वर प्रसाद ने बताया कि उन्होंने मई 2024 में एक ट्रैवल एजेंसी से 1.87 लाख रुपये में ई-रिक्शा खरीदा था, जिसकी एक साल की वारंटी थी. लेकिन छह महीने बाद जब ई-रिक्शा रिपेयर के लिए एजेंसी में भेजा गया, तो वहां ओरिजनल पार्ट्स की जगह डुप्लीकेट पार्ट्स लगा दिए गए, जिससे रिक्शा बार-बार खराब होने लगा. मजबूरी में ईश्वर प्रसाद को खुद से रिपेयर करवानी पड़ी, जिस पर 10 हजार रुपये खर्च हो गए.
ई-रिक्शा ड्राइवर ईश्वर प्रसाद की शिकायत सुनने के बाद, आयुक्त दीपक रावत ने मौके पर ही एजेंसी के मालिक को 10 हजार रुपये लौटाने का आदेश दिया. साथ ही, उन्होंने आरटीओ संदीप सैनी को हल्द्वानी की सभी ई-रिक्शा एजेंसियों की जांच के निर्देश दिए और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा.
जनता दरबार में कई मामलों का निपटारा
मंगलवार को जनता दरबार लगाया गया था, जिसमें अन्य मामलों पर भी सुनवाई हुई. अमलतास सोसाइटी हल्द्वानी के निवासियों ने कमिश्नर से शिकायत की कि उन्हें कॉलोनी में AGM (वार्षिक आम सभा) कराने में दिक्कत हो रही है, क्योंकि कॉलोनाइजर इसका विरोध कर रहा है. इस पर कमिश्नर ने निर्देश दिए कि AGM को लेकर किसी भी तरह की रुकावट डाली गई, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि जनता दरबार का उद्देश्य लोगों की समस्याओं को सुनना और जल्द से जल्द समाधान देना है. प्रशासन की ओर से जनहित में ऐसे प्रयास लगातार जारी रहेंगे. बता दें कि कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्याएं सुनते हैं और उनका समाधान करने का प्रयास करते हैं. यह जनता दरबार आयुक्त कार्यालय में आयोजित किया जाता है, जहां लोग अपनी समस्याएं और शिकायतें सीधे आयुक्त के सामने रख सकते हैं. आयुक्त दीपक रावत ने कई मामलों में त्वरित कार्रवाई करते हुए लोगों को न्याय दिलाने में मदद की है. ई रिक्शा चालक इसका एक उदाहरण है. यह उनकी प्रतिबद्धता दर्शाता है कि प्रशासनिक फैसलों के अलावा वे लोगों की सेवा करने और उनके जीवन में सुधार लाने के लिए भी काम कर रहे हैं. गरीबों और आम जनता के लिए आईएएस दीपक रावत के कार्यालय और आवास के दरवाजे हर समय खुले रहते हैँ. उनके जनता दरबार में लोगों की भारी भीड़ रहती है.