तंग गलियां, उपद्रवियों का आतंक और जान बचाने की जद्दोजहद... कुछ ऐसा मंजर गुरुवार को हल्द्वानी (Haldwani) ही नहीं पूरे उत्तराखंड ने देखा. मलिक का बगीचा स्थित अवैध मदरसे और नमाज स्थल पर बुलडोजर एक्शन के लिए पुलिस और नगर निगम की पहुंची थी. इससे पहले टीम कुछ समझ पाती पत्थरबाजी और आगजनी शुरू हो गई. इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. हिंसा की कई तस्वीरें सामने आई हैं जो बवाल की भयावहता बयां कर रही हैं. ये भी बता रही हैं कि अराजक तत्वों ने इसके लिए कितनी तैयारी कर रखी थी.
इस घटना में घायल महिला पुलिस कर्मियों ने आजतक से खास बातचीत में खौफनाक मंजर बयां किया है. उन्होंने हल्द्वानी हिंसा की डरावनी दास्तां बयां की है. इस कड़ी में महिला पुलिस अधिकारी हेमा जोशी कहती हैं, 'सभी सड़कें बंद हो गई थीं. दंगाइयों ने गलियों में खड़े सभी वाहनों को आग के हवाले कर दिया था. मैं बहुत डर गई थी'.
'लग नहीं रहा था कि हम लोग सुरक्षित बाहर भी निकल पाएंगे'
हेमा आगे कहती हैं, हमने अपनी जान बचाने के लिए भागने की कोशिश की. मगर, तंग गलियों में फंस गए. कई पुलिसकर्मी उपद्रवियों के पत्थरों का शिकार हुए और घायल हो गए. वहां ऐसा मंजर था, जिसे देखकर लग नहीं रहा था कि हम लोग सुरक्षित बाहर भी निकल पाएंगे. काफी मुश्किलों का सामना करके हम लोग बाहर आए. ऐसा लगता है कि जैसे वो हम पर हमला करने के लिए सही समय का इंतजार कर रहे थे.
'इससे पहले हम कुछ समझ पाते, दंगाइयों ने हमला कर दिया'
वहीं, महिला पुलिस अधिकारी मुनेश बताती हैं, उस जगह पर हमारी तैनात थी, जहां अभियान चल रहा था. इससे पहले हम लोग कुछ समझ पाते दंगाइयों ने अचानक हम पर हमला कर दिया. उन्होंने पथराव शुरू किया तो हमने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की. मगर, उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी. पूरी प्लानिंग के साथ उन्होंने हम पर हमला किया था.
पुलिस अधिकारी आगे बताती हैं, फोर्स उनके इरादों से अनजान थी. प्रशासन की ओर से पर्याप्त प्लान तैयार किया गया था. इसके तहत हम लगभग साढ़े चार बजे वहां पहुंचे. अभियान शुरू होते ही उन्होंने हम पर हमला शुरू कर दिया.