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हरिद्वार कुंभ: चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे, पुलिस के साथ कमांडो भी तैनात

आस्था के इस महापर्व में खलल न पड़े, इसके लिए सरकार की ओर से सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए जा रहे हैं. उत्तराखंड पुलिस के एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड (एटीएस) के कमांडो आधुनिक हथियारों के साथ इलाके में गश्त कर रहे हैं.   

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कुंभ मेले की लिए तैनात सुरक्षाकर्मी
कुंभ मेले की लिए तैनात सुरक्षाकर्मी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 11 मार्च से विधिवत शुरू हो जाएगा कुंभ मेला
  • अभी से हर रोज आने लगे हैं हजारों श्रद्धालु
  • सुरक्षा के लिए पैरामिलिट्री फोर्स, पुलिस की तैनाती

हरिद्वार महाकुंभ जैसा बड़ा आयोजन सुरक्षा के नजरिए से पुलिस और प्रशासन के लिए बड़ा इम्तिहान है.  ऐसे मौकों पर आतंकवाद का खतरा और असामाजिक तत्वों की ओर से विघ्न डालने का अंदेशा भी बना रहता है. आस्था के इस महापर्व में खलल ना पड़े, इसके लिए सरकार की ओर से सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए जा रहे हैं. उत्तराखंड पुलिस के एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड (एटीएस) के कमांडो आधुनिक हथियारों के साथ इलाके में गश्त कर रहे हैं.   

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सुरक्षा से जुड़े जवानों का कहना है कि उनके हौसले मजबूत हैं और वे अपनी ट्रेनिंग से हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए हर दम तैयार हैं. एटीएस के जवान कमलेश कुमार कहते हैं कि ‘जब तक हम यहां तैनात हैं, किसी की मजाल नहीं जो यहां खलल डालने की जुर्रत कर सके.'

मेला इलाके के आईजी एस के गुंज्याल ने आजतक से बातचीत में बताया, “इलाके की सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में उत्तराखंड पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात हैं. इनके अलावा मेला क्षेत्र की 24 घंटे निगरानी के लिए आधुनिक सीसीटीवी कैमरों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जा रही है. इनकी मदद से भीड़ के हिसाब से निर्देश देने और इलाके में कहीं भी लावारिस चीज रखी होगी तो उसकी तत्काल जानकारी मिल सकेगी.” आईजी एस के गुंज्याल के मुताबिक मेला इलाके में एक आधुनिक कंट्रोल रूम भी बनाया जा रहा है जहां से तमाम केंद्रीय एजेंसियां पूरे मेला इलाके पर नजर रखेंगी.  

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पुलिस का दावा है कि सुरक्षा का ऐसा घेरा होगा जिससे परिंदा भी यहां पर, पर नहीं मार सकेगा. प्रयागराज के मुकाबले हरिद्वार और खासकर हर की पैड़ी का इलाका बेहद छोटा है. यहां प्रवेश और एग्जिट के लिए रास्ते बेहद संकरे हैं. ऐसे में यहां इतनी बड़ी सुरक्षा व्यवस्था करना किसी चुनौती से कम नहीं है.  

आईजी गुंज्याल से मिली जानकारी के मुताबिक अभी यहां 2,000 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, अहम स्नान वाले दिनों पर इनकी संख्या 4,500 तक कर दी जाती है. पैरामिलिट्री फोर्स में CISF, BSF, CRPF, RPF, ITBP, NSG की टुकड़ियां तैनात करने की व्यवस्था है. उत्तराखंड  पुलिस के एटीएस के यहां सक्रिय रहने के साथ उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्य की पुलिस का सहयोग भी लिया जा सकता है. घाटों पर पर SDRF के जवान तैनात होंगे.  केंद्रीय एजेंसियों की निगरानी के लिए 500 CCTV कैमरे और 1200 निजी कैमरे मौजूद रहेंगे. आधुनिक कंट्रोल रूम के जरिए निगरानी की व्यवस्था होगी.  

हरिद्वार मेला प्रशासन महाकुंभ के दौरान वीआईपी विजिटर्स के दौरे को लेकर भी तैयारी कर रहा है. सभी राज्यों से यह कहा गया है कि उनके मेहमान शाही स्नान वाले दिन हरिद्वार ना आएं. मेला अधिकारी दीपक रावत ने आजतक से कहा, "हमने सभी राज्यों को चिट्ठी लिखकर कहा है कि शाही स्नान के दिनों को छोड़कर वीआईपी विजिटर्स कभी भी कुंभ में आ सकते हैं और उनका प्रोटोकॉल के तहत स्वागत होगा. लेकिन शाही स्नान के दिन सारी एजेंसियों और प्रशासन की संलिप्तता भीड़ को व्यवस्थित में व्यस्त होगी, ऐसे में वीआईपी विजिटर्स का दौरा मुश्किल खड़ी कर सकता है.”  

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