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कोरोना संकट के बीच हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन इस दौरान कई निर्देशों के बाद भी श्रद्धालुओं और साधु-संतों की ओर से कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं किया गया जिसका असर अब वहां कोरोना विस्फोट के रूप में दिख रहा है. पिछले 2 दिनों से हरिद्वार में 500 से ज्यादा नए केस दर्ज किए जा रहे हैं.
हरिद्वार में कुंभ मेले में कोरोना गाइडलाइंस के घोर उल्लंघन का असर अब दिखने लगा है. पिछले 72 घंटे में अकेले 1,527 पॉजिटिव केस सिर्फ हरिद्वार के मेला क्षेत्र से ही सामने आए हैं और इनकी संख्या अभी और बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि बड़ी संख्या में कोरोना रिपोर्ट आना बाकी है.
इस बीच कुंभ मेला की पुलिस कंट्रोल रूम से बताया गया कि आज शाम 6 बजे 13,51,631 लोगों ने गंगा नदी में डुबकी लगाई. हालांकि कोरोना की वजह से लगातार दूसरे साल पर्यटन व्यवसाय बेहाल हो गया है.
कुंभ मेला का दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल यानी सोमवार को हुआ जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं और साधु-संतों ने आस्था की डुबकी लगाई लेकिन इस दौरान कोरोना निर्देशों के पालन का ध्यान नहीं रखा गया. इसी तरह आज बुधवार को तीसरे शाही स्नान के दौरान भी घोर लापरवाही देखी गई.
Uttarakhand: Sadhus participate in the third 'shahi snan' of #MahaKumbh at Har Ki Pauri ghat in Haridwar pic.twitter.com/rxGpAVqPGF
— ANI (@ANI) April 14, 2021
आज भी बड़ी संख्या में लोग स्नान करने आए और कोरोना नियमों का पालन नहीं हुआ. हालांकि दूसरे शाही स्नान की तुलना में तीसरे शाही स्नान में लोगों की संख्या कम रही.
12 अप्रैल | 408 कोरोना केस |
13 अप्रैल | 594 कोरोना केस |
14 अप्रैल | 525 कोरोना केस |
हरिद्वार में 12 अप्रैल को यानी दूसरे शाही स्नान के लिए 408 नए केस दर्ज किए गए थे. जबकि 13 अप्रैल को कोरोना के 594 नए मामले सामने आए थे और आज तीसरे शाही स्नान के दिन यानी 14 अप्रैल को 525 नए मामले आए. इस तरह से लगातार 2 दिन से हरिद्वार में 520 से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं.
कोरोना से बिजनेस पर असर
इस बीच महाकुंभ के तीसरे शाही स्नान में उतनी भीड़ देखने को नहीं मिली जितनी भीड़ की उम्मीद थी और इसकी एकमात्र वजह रही सिर्फ और सिर्फ कोरोना का बढ़ता कहर. सिर्फ 72 घंटे की ही बात करें तो 1,527 कोरोना पॉजिटिव केस सिर्फ कुंभ क्षेत्र से मिले हैं.
12 अप्रैल को 31 लाख 23 हजार (सरकारी आंकड़े) श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया वो किसी बड़ी मुसीबत का सबब बन सकता है क्योंकि 31 लाख से ज्यादा श्रद्धालुों का टेस्ट हुआ हो ये संभव नज़र नहीं आता.
कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों की वजह से तीसरा शाही स्नान जो कुंभ का सबसे बड़ा स्नान होता है और इसे बैसाखी के पर्व पर मनाया जाता है. इस दिन जिस भीड़ का अनुमान था वो देखने को नहीं मिली. 2010 में मनाए गए कुंभ के इसी स्नान पर गंगा स्नान करने वालों की संख्या 1 करोड़ के पार थी.
इस मामले पर कुंभ मेला IG संजय गुंज्याल का भी साफ कहना है कि इतनी भीड़ में अगर हम सोशल डिस्टेंस की बात करेंगे तो भगदड़ मचने के चांस बन सकते हैं लिहाज़ा सिर्फ शालीनता से कहा जा सकता है, कानूनी डर नहीं दिखाया जा सकता है. मगर पुलिस लगातार जागरूक करने का काम कर रही है.
सिर्फ कुंभ ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में कोरोना की वजह से मानो सब पहले की तरह (2020 लॉकडाउन) ठप सा दिखाई दे रहा है. तमाम पर्यटक स्थल सूने और वीरान पड़े हैं. नैनिताल की माल रोड मानो वीरान पड़ी है, जिन बोट्स से लोग नैनी झील में लुत्फ उठाते थे वो सभी बोट्स बस अब एक किनारे पर खड़ी हैं.
होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी ने बताया कि पूरे प्रदेश के हालात एक बार फिर पहले की तरह हो गए हैं. मसूरी में भी बुकिंग्स 85 प्रतिशत से ज्यादा रद्द हो गई हैं. होटल व्यवसाय से जुड़े लोग बेहद चिंतित हैं. साहनी ने बताया कि जब 2020 में पूरा व्यवसाय खत्म हो गया था तब उम्मीद थी कि 2021 में सब ठीक होगा पर ऐसा होता दिखाई दे नहीं रहा है.