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हरिद्वार कुंभ पर कोरोना का असर, रामनवमी स्नान के दौरान सूने पड़े हैं घाट

श्रद्धालुओं की आस्था पर कोरोना का डर हावी दिखाई दे रहा है. रामनवमी के स्नान के मौके पर हरकी पौड़ी, ब्रह्मकुंड समेत अन्य घाट सूने पड़े हैं और गिनती के ही लोग स्नान करते दिखाई दे रहे हैं.

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रामनवमी के स्नान के मौके पर हरकी पौड़ी घाट पर पसरा सन्नाटा
रामनवमी के स्नान के मौके पर हरकी पौड़ी घाट पर पसरा सन्नाटा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हरिद्वार कुंभ में कम हो गई है भीड़
  • आज कम लोगों ने लगाई गंगा में डुबकी

कोरोना का असर हरिद्वार महाकुंभ पर दिखने लगा है. रामनवमी के स्नान के मौके पर हरकी पौड़ी, ब्रह्मकुंड समेत अन्य घाट सूने पड़े हैं और गिनती के ही लोग स्नान करते दिखाई दे रहे हैं. मेला प्रशासन की ओर से स्नान को लेकर सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गई है, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था पर कोरोना का डर हावी दिखाई दे रहा है.

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श्रद्धालुओं का कहना है कि सुबह से सिर्फ सैकड़ों की संख्या में ही लोगों ने यहां स्नान किया होगा, हालांकि घाटों पर भीड़ नहीं होने से श्रद्धालु खुश भी हैं और पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था और घाटों पर कम भीड़ के लिए प्रशासन की तारीफ भी कर रहे हैं. यहां पहुंचे श्रद्धालु खुद भी मान रहे हैं कि उनके मन में भी डर था, मगर वे आस्था के चलते यहां तक आए हैं.

हरिद्वार के एएसपी मनोज कत्याल का कहना है कि आज रामनवमी का स्नान चल रहा है, समय-समय पर लोगों को कोविड अप्रोप्रियेट विहेवियर करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू था, उसके बाद से स्नान शुरू हुआ है, जिन लोगों ने मास्क नहीं पहने है, उनके खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है.

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गौरतलब है कि कोरोना के मामलों मे वृद्धि के चलते हरिद्वार में महाकुंभ से प्रमुख अखाड़ों के संतों ने वापस जाना शुरू कर दिया है, जिसके बाद भीड़ में अचानक भारी कमी आई है. बुधवार को कई स्थानों पर भीड़ नहीं दिखी. आधिकारिक रूप से 30 अप्रैल को समाप्त होने वाले हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान यह अकल्पनीय नजारा है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इससे पहले साधुओं से कुंभ के शेष हिस्से को सांकेतिक रखने की अपील की थी. स्नान घाटों पर अब भीड़ दिखाई नहीं दे रही है, जहां 14 अप्रैल को भौतिक दूरी जैसे कोविड-19 नियमों की अनदेखी कर साधु और आम लोग शाही स्नान के दौरान गंगा में डुबकी लगाने के लिए उमड़ पड़े थे.

 

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