हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन चल रहा है. 27 अप्रैल तक चलने वाले कुंभ के समय से पहले समाप्त होने की अटकलें थीं. इन अटकलों पर विराम लगाते हुए उत्तराखंड सरकार ने साफ किया था कि कुंभ मेला अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक ही चलेगा. इसका समय से पहले समापन नहीं होगा. इन सबके बीच अब दो अखाड़ों ने कुंभ मेले में अपनी छावनियां बंद करने का निर्णय लिया है.
पंचायती श्रीनिरंजनी अखाड़ा और तपो निधि श्रीआनंद अखाड़ा ने कुंभ मेले में अपनी छावनियां बंद करने का निर्णय लिया है. दोनों अखाड़ों ने 17 अप्रैल से अपनी-अपनी छावनियां बंद करने का निर्णय किया है. दोनों अखाड़ों ने देशभर के साथ ही हरिद्वार में भी कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कराण बिगड़ती स्थिति और गंभीर होते हालात को देखते हुए यह निर्णय लिया है.
दोनों अखाड़ों की ओर से यह भी कहा गया है कि कुंभ मेले में आए सभी संत महात्मा से अपने-अपने स्थान के लिए प्रस्थान करने का निवेदन भी किया जाएगा. साथ ही, 27 अप्रैल को चौथा शाही स्नान अखाड़ा परिषद के निर्णय के मुताबिक या सांकेतिक रूप में करने का निर्णय भी दोनों अखाड़ों की ओर से लिया गया है. गौरतलब है कि 27 अप्रैल को चौथा शाही स्नान होना है.
बता दें कि कुंभ मेला क्षेत्र में शाही स्नान के दिन न तो सोशल डिस्टेंसिंग, ना ही कोरोना से जुड़े किसी अन्य नियम का पालन हो पा रहा है. मेला क्षेत्र से भी कोरोना के कई मामले सामने आए हैं जबकि बड़ी तादाद में जांच रिपोर्ट आनी अभी बाकी है. निरंजनी अखाड़े के श्रीमहंत अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष स्वामी नरेंद्र गिरि कोरोना से संक्रमित होकर एम्स में भर्ती हैं.