यूपी की पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य के पति आलोक मौर्य की तरह हरिद्वार के युवक ने भी अपनी पत्नी पर आरोप लगाए हैं. यहां एक व्यवसाई ने अपनी पत्नी की पढ़ाई में मदद की. इसके बाद वह असिस्टेंट प्रोफेसर बन गई. आरोप है कि असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के बाद उसकी पत्नी ने उसे छोड़ दिया. अब वह उसके साथ नहीं रहना चाहती, न ही बेटी को देना चाहती. व्यवसाई का आरोप है कि उसकी पत्नी उस पर उत्पीड़न का आरोप लगा रही है.
नितिन जैन नाम के व्यवसाई का कहना है कि पत्नी को पढ़ाने लिखाने में उसने 10 लाख से ज्यादा का खर्चा किया. उसको फ्लैट दिया, नकद पैसे दिए. वह अपनी बेटी को अपने पास रखना चाहता है, मगर उसकी पत्नी उस पर अनर्गल आरोप लगा रही है.
नितिन का कहना है कि साल 2011 से मैं और पत्नी साथ रह रहे थे. 2014 में हमारी रजिस्टर्ड मैरिज हुई. पत्नी 2011 से पीएचडी कर रही थी, उसमें पैसे खर्च किए. हमारी एक बेटी हुई. मेरी पहली वाइफ से मेरा एक बेटा है. ये उसे पीटती थी. उसको खाना देना बंद कर दिया था. कहने लगी कि इसे यहां से भेज दो.
व्यवसाई ने कहा कि पत्नी जब प्रोफेसर बन गई तो उसे करीब एक लाख चार हजार रुपये सैलरी मिलने लगी. अब वह मुझे टॉर्चर कर रही है. आरोप लगाकर परेशान करती है. 2 साल तक मैंने 25000 रुपये महीना दिया है. अब मैंने खर्चा देना बंद कर दिया है. उसने अपना केस हल्द्वानी ट्रांसफर करवा लिया. वहां उसने मुझ पर रिकवरी का मुकदमा कर दिया. वहां एक एप्लीकेशन यह भी दी है कि मैं बच्ची को किडनैप करने की कोशिश कर रहा था.
'पत्नी को पीएचडी कराई, उसे फ्लैट भी दिया'
नितिन जैन ने कहा कि पत्नी की पीएचडी करवाई और सारे कागज निकलवाए और काम करवाया. उसे लगभग 6 लाख रुपये दिए. तीन चार लाख रुपये और खर्च किए. मैंने इसको खरीद कर एक फ्लैट भी दिया है.
व्यवसाई ने कहा कि मैंने बच्ची को लेने के लिए कोर्ट में केस किया है. पत्नी का यह कहना गलत है कि जब उसे जरूरत थी तो मैं उसको छोड़कर चला गया. मैं चाहता हूं कि अगर उसे साथ रहना है तो साथ रहे और नहीं रहना तो मुझे मुक्त करें. मेरी बेटी मुझे दें और यह फालतू के केस न करें.