उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बड़ी जीत के साथ लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी कर नया इतिहास रच दिया था. वहीं इस हार के बाद से ही उत्तराखंड कांग्रेस में कलह शुरू हो गई है. चुनाव नतीजे आने के बाद हरीश रावत और प्रीतम सिंह पर गुटबाजी के आरोप लग रहे हैं और इन्हीं दोनों को हार का जिम्मेदार बताया जा रहा है. वहीं प्रदेश अध्यक्ष सहित नेता प्रतिपक्ष के नामों का ऐलान होने के बाद हरीश धामी ने बगावती तेवर अख्तियार कर लिए हैं.
हरीश रावत के करीबी माने जाने वाले हरीश धामी धारचूला से विधायक हैं. उन्होंने बीजेपी नेतृत्व की तारीफ करते हुए कांग्रेस आलाकमान पर तंज कसा था. धामी ने चुनाव हारने के बावजूद पुष्कर सिंह धामी को ही मुख्यमंत्री बनाने के लिए बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की तारीफ की थी. हरीश रावत के करीबियों में गिने जाने वाले हरीश धामी ने कहा है कि जिस तरीके से बीजेपी ने चुनाव हारने के बाद भी एक युवा को चेहरा बनाया उसी तरह कांग्रेस को भी युवा चेहरे को आगे करना चाहिए था.
उन्होंने साथ ही ये भी कहा है कि जिन्हें ये दायित्व सौंपा गया है उनसे नाराज नहीं हूं लेकिन अगर ये कहा जा रहा है कि वरिष्ठता क्रम के आधार पर दायित्व दिए गए हैं तो सबसे पहले उनका नाम आना चाहिए था. कांग्रेस के इस फैसले से सिर्फ एक नहीं बल्कि कई विधायक नाराज हैं और जल्द ही बैठक कर इस संबंध में फैसला लेंगे. हरीश धामी ने ये भी साफ किया कि कांग्रेस के झंडे-डंडे अब नहीं उठाएंगे. कांग्रेस ने हमारे साथ नाइंसाफी की है. धामी ने अलग पार्टी बनाने की भी बात कही है.
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हरीश धामी ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर उनके क्षेत्र की जनता चाहेगी तो वे पुष्कर सिंह धामी के लिए भी सीट छोड़ने को तैयार हैं. धारचूला से कांग्रेस के विधायक हरीश धामी पार्टी नेतृत्व पर अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं और सीधे-सीधे सूबे में पार्टी की हार के लिए प्रभारी देवेंद्र यादव को जिम्मेदार बता रहे हैं.
उन्होंने साफ कहा है कि देवेंद्र यादव की वजह से कांग्रेस चुनाव हारी. आलाकमान को चाहिए था कि जब प्रदेश अध्यक्ष पद से गणेश गोदियाल को हटाया गया तो उससे पहले प्रदेश प्रभारी को हटाया जाता. लेकिन प्रदेश प्रभारी को नहीं हटाया गया. अब जब प्रदेश अध्यक्ष सहित नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के उपनेता की घोषणा हो चुकी है तो हरीश धामी अपनी उपेक्षा से काफी नाराज हैं.
प्रीतम सिंह भी हैं नाराज
उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे प्रीतम सिंह भी गुटबाजी को लेकर उनकी तरफ इशारे के कारण आलाकमान से नाराज हैं. प्रीतम सिंह ने साफ कहा है कि अगर उनको लेकर गुटबाजी सिद्ध हो जाती है तो वे बिना देर किए विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे. वहीं, बीजेपी ने भी कांग्रेस के इन विधायकों पर नजर रखी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उत्तराखंड कांग्रेस मुक्त प्रदेश होने वाला है. बीजेपी की प्रदेश यूनिट की ओर से भी कहा गया है कि अगर कोई कांग्रेस से कोई बीजेपी में आना चाहता है तो उसका स्वागत है.