शनिवार को उत्तराखंड के बद्रीनाथ में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश हादसे के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने चार क्षेत्रों में हेलिकॉप्टरों के उड़ान भरने पर पहले रोक लगा दी है. अब पांच दिन के लिए यानी 16 जून तक के लिए राहत मिल गई है. यानी इसके बाद यहां से हेलिकॉप्टर सेवाएं बंद कर दी जाएंगी.
ये चार क्षेत्र सहस्रधारा, हर्षिल, बद्रीनाथ और खर्साली हैं. इन हेलीपैड्स को फिलहाल के लिए असुरक्षित बताया गया है. इन चारों हेलीपैड्स तक हेलिकॉप्टर सेवाओं पर लगी रोक को चारधाम यात्रा के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि यह जगहें तीर्थयात्रा मार्ग पर ही हैं.
उत्तराखंड के मुख्य सचिव एस. रामास्वामी को लिखे गए पत्र में डीजीसीए ने कहा कि इन चारों हेलीपैड्स पर 16 जून तक हेलिकॉप्टर उड़ान और लैंडिंग की सेवाएं जारी रहेंगी. इसके बाद रोक लगा दी जाएंगी.
क्या थी घटना
शनिवार सुबह करीब सवा सात बजे एक हेलिकॉप्टर ने यात्रियों को लेकर बद्रीनाथ से उड़ान भरी थी. टेक ऑफ के तुरंत बाद ही हेलिकॉप्टर जमीन पर आ गिरा. इस हादसे में चीफ इंजीनियर विक्रम लांबा की मौत हो गई. विक्रम असम के रहने वाले थे. पायलट समेत सभी यात्री सही-सलामत हैं.
घटनास्थल के पास ही बिजली के तार भी थे. अगर यह हेलिकॉप्टर तारों से टकरा जाता तो ज्यादा नुकसान की आशंका थी. राज्य के मुख्य सचिव एस. रामास्वामी ने गढ़वाल के कमिश्नर विनोद शर्मा को दुर्घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं.
उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा, मृतक चीफ इंजीनियर विक्रम लांबा ने सीट बेल्ट नहीं पहनी थी. हादसे के बाद जब उन्होंने खुद को बचाने के लिए बाहर कूदने की कोशिश की तो रोटर ब्लेडों की चपेट में आकर उनकी मौत हो गई.