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Chardham Yatra 2022: बद्रीनाथ धाम में उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़, लगी तीन किलोमीटर लंबी कतार

चारधाम की यात्रा शुरू होने के बाद से ही बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. बद्रीनाथ धाम में दर्शन के लिए तीन किलोमीटर लंबी लाइन लग गई लेकिन वहां पहुंचे लोग फिर भी उत्साहित हैं और दर्शन को लेकर बेहद खुश हैं.

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बद्रीनाथ में उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
बद्रीनाथ में उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बद्रीनाथ धाम में दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु
  • तीन किमी लंबी लाइन के बाद भी लोग उत्साहित

बद्रीनाथ धाम की यात्रा इस समय अपने अपने चरम पर है और हजारों की संख्या में रोजाना श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. बद्रीनाथ धाम में वीआईपी दर्शन बंद होने के बाद दर्शन करने वालों श्रद्धालुओं की तीन किलोमीटर लंबी लाइन लग गई है. मंदिर की तरफ से श्रद्धालुओं की कतार लंबी होती जा रही है.

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बता दें कि कोरोना के बाद इस बार चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. हर तरफ श्रद्धालुओं की भीड़ ही दिखाई दे रही है. यात्री बद्रीनाथ धाम में इतनी लंबी लाइन होने के बावजूद दर्शन करने के लिए लाइन में खड़े होकर खुश हैं और खुद को धन्य मान रहे हैं. 

श्रद्धालुओं का कहना है कि लाइन चाहे कितनी भी लंबी हो क्यों ना हो लेकिन आसानी से दर्शन हो रहे हैं इसलिए सभी उत्साहित हैं. बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की इतनी लंबी लाइन पहली बार देखने को मिल रही है. 

श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह दिखाई दे रहा है. अलकनंदा नदी के किनारे चमोली जिले में गढ़वाल पहाड़ी पर स्थित बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. 

यह मंदिर चार प्राचीन तीर्थस्थलों में से एक है जिसे 'चार धाम' कहा जाता है जिसमें यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ भी शामिल हैं. यह उत्तराखंड के बद्रीनाथ शहर में स्थित है. यह धाम हर साल छह महीने (अप्रैल के अंत और नवंबर की शुरुआत के बीच) के लिए खुला रहता है. 

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चारधाम यात्रा 3 मई को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई थी. चारधाम यात्रा के दौरान इस साल दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या तय कर दी गई है. 

सरकारी आदेश में कहा गया है कि बद्रीनाथ धाम में रोजाना 15 हजार, केदारनाथ में 12 हजार, गंगोत्री में 7 हजार और यमुनोत्री में 4 हजार श्रद्धालुओं को ही प्रतिदिन दर्शन करने की अनुमति होगी.

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